मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने प्रदेश में पॉलीथिन एवं सिंगल यूज प्लास्टिक पर तत्काल रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं. पॉलीथिन और प्लास्टिक के उपयोग पर बैन से संबंधित यह आदेश सम्भवतः देश में पहली बार दिए गए हैं.
हाईकोर्ट ने यह आदेश एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिए. साथ ही शासन को 10 बिंदुओं पर आवश्यक निर्देश भी जारी किए हैं, जिनमें शासन, स्कूल और कॉलेजों को निर्देश देकर सिंगल यूज प्लास्टिक एवं पॉलीथिन पर पूरी तरह से बैन लगाएं. यह भी कहा गया है कि शासन, निर्देशित करें किसी भी तरह से पॉलीथिन और सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन ना करें. साथ ही स्टॉक और डिस्ट्रीब्यूशन भी ना होने पाए.
कोर्ट ने कहा कि शासन छोटे लघु उद्योग स्थापित करें जो सिंगल यूज प्लास्टिक एवं पॉलीथिन के विकल्प के रूप में जूट कागज अथवा कपड़े की थैली बनाए और उनकी कीमत आम जनता को ध्यान में रखकर न्यूनतम रखी जाए. वहीं, कोर्ट ने शासन से प्रदेश के सभी शहरों में शुद्ध पानी के लिए प्लांट स्थापित करने के आदेश भी जारी किए हैं, ताकि पानी के लिए यूज प्लास्टिक और सिंगल यूज बोतल पर रोक लगाई जा सके.
सिंगल यूज प्लास्टिक को क्रूस करने और रीसाइक्लिंग करने के लिए जगह-जगह शासन मशीनें स्थापित करें. साथ ही प्लास्टिक कचरे से बिजली बनाने के संयंत्र प्रदेश में जगह-जगह स्थापित किए जाएं. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है की सभी हितग्राही अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार के माध्यम से संबंधित जिले के सभी कलेक्टर को भेजें.इससे हाईकोर्ट के आदेश का पालन सुनिश्चित कराया जा सकें. आदेश के पालन में कोई कठिनाई उत्पन्न हो रही है या आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है, तो मामले को पुनः तुरंत हाईकोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए लिस्टेड किया जाए.