Home धर्म/ज्योतिष होलिका दहन पर पूजा का क्या है शुभ मुहूर्त…

होलिका दहन पर पूजा का क्या है शुभ मुहूर्त…

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9 मार्च यानी आज होलिका दहन और 10 मार्च यानी मंगलवार को रंग वाली होली खेली जाएगी. हिन्दू धर्म में भी इस पर्व का बहुत अधिक महत्व है. हिन्दू पंचांग के अनुसार, होली फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है, जिसे अन्य शब्दों में रंगों का त्योहार भी कहा जाता है.

हिन्दू धर्म के मुताबिक, यह पर्व 2 दिन मनाया जाता है. इसमें सबसे पहले दिन होलिका दहन किया जाता है और दूसरे दिन रंग वाली होली खेली जाती है. होलिका दहन के दिन लकड़ी के ढेर की पूजा की जाती है और उसकी परिक्रमा की जाती है. जबकि, होली वाले दिन रंगों, अबीर और गुलाल से होली खेली जाती है. इस साल 9 मार्च 2020 को होलिका दहन है और 10 मार्च 2020 को होली खेली जाएगी.

इस बार होलिका दहन और पूजा मुहूर्त का भी विशेष मुहूर्त है. 9 मार्च शाम 6 बजकर 35 से रात 11 बजकर 05 तक आप होलिका दहन में पूजा कर सकते हैं.

मेष- आपको होलिका में काला तिल डालना चाहिए और अपने स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.

वृष- आपको होलिका में मक्के का लावा डालना चाहिए और अपने दाम्पत्य जीवन को बेहतर करने के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.

मिथुन- आपको होलिका में गुड़ डालना चाहिए और अपनी नौकरी में आ रही मुश्किलों को दूर करने की प्रार्थना करनी चाहिए.

कर्क– आपको होलिका में अनाज की बालियां डालनी चाहिए और अपने मन की समस्याओं को दूर करने की प्रार्थना करनी चाहिए.

सिंह– आपको होलिका में चन्दन की लकड़ी डालनी चाहिए और अपनी नौकरी में व स्वास्थ्य में सुधार की प्रार्थना करनी चाहिए.

कन्या- आपको होलिका में काले तिल और गुड़ डालने चाहिए और अपनी रक्षा के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.

तुला- आपको होलिका में पीली सरसों डालनी चाहिए और अपने चंचल मन को बेहतर करने की प्रार्थना करें.

वृश्चिक– आपको होलिका में धान अर्पित करना चाहिए और अपनी समस्याओं को दूर करने की प्रार्थना करनी चाहिए.

धनु- आपको होलिका में मक्के के लावे डालने चाहिए और अपने परिवार के सुख और शांति की प्रार्थना करें.

मकर– आपको होलिका में घी अर्पित करना शुभ होगा और अपने अच्छे स्वास्थ्य और सुरक्षा की प्रार्थना करें.

कुंभ- आपको होलिका में कपूर अर्पित करना शुभ होगा और अपनी अच्छी आर्थिक स्थिति के लिए प्रार्थना करें.

मीन– आपको होलिका में लकड़ी डालनी चाहिए और इसके बाद अपने संतान की उन्नति की व स्वयं के बेहतर स्वभाव की प्रार्थना करें

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