आज रंग पंचमी का त्योहार है. चैत्रमास में कृष्णपक्ष की पंचमी पर खेली जाने वाली रंगपंचमी देवी देवताओं का आह्वान करने के लिए होती है. विशेषतौर पर यह सात्विक पूजा और मन्त्र जाप का दिन होता है. रंग पंचमी पर पवित्र मन से पूजा पाठ करने पर देवी देवता स्वयं आपको आशीर्वाद देने चले आते है. नवग्रहों में से किसी भी ग्रह की पीड़ा को इस दिन बहुत आसानी से खत्म किया जा सकता है. कुंडली के बड़े से बड़े दोष भी इस दिन पूजा पाठ से कम हो जाते हैं
रंगपंचमी के दिन सुबह सूर्योदय के समय एक स्टील के लोटे में जल गुड़ और गंगाजल मिलाएं ॐ श्री पितृदेवताय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें और यह जल पीपल के वृक्ष की जड़ में अर्पण कर दें थोड़ा सा जल बचाकर घर ले आए और अपने घर में छिड़काव करें ऐसा करने से पारिवारिक कलह क्लेश बहुत जल्दी खत्म होगा
रंग पंचमी के दिन कमल के फूल पर बैठी लक्ष्मी नारायण के चित्र को घर के उत्तर दिशा में स्थापित करें और लोटे में जल भरकर रखें गाय के घी का दीपक जला कर लाल गुलाब के फूल लक्ष्मी नारायण जी को अर्पण करें
एक आसन पर बैठकर ॐ श्रीं श्रीये नमः मंत्र का तीन माला जाप करें लक्ष्मी नारायण जी को गुड़ और मिश्री का भोग लगाएं जाप के बाद पूजा में रखा हुआ जल सारे घर में छिड़क दें आपके घर में धन की बरकत कुछ समय बाद जरूर दिखाई देगी
रंग पंचमी के दिन सुबह के समय जल्दी उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहने शंख में जल भरकर उसमें दो चुटकी रोली और हल्दी डालें ॐ घृणि सूर्याय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें अब कुशा के आसन पर खड़े होकर भगवान सूर्यनारायण को अर्घ्य दें भगवान सूर्य नारायण की तीन प्रदक्षिणा करें और गायत्री मंत्र का 27 बार पाठ करें