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हिमाचल में सभी शक्तिपीठों और मंदिरों के कपाट बंद…

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कोरोना वायरस के संक्रमण को हिमाचल में आने से रोकने के लिए प्रदेश की सभी शक्तिपीठों और बड़े मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं। धर्मशाला में दलाईलामा मंदिर में दर्शन पर भी रोक लगा दी है। कुछ जिलों में मस्जिदों, गुरुद्वारों समेत अन्य धार्मिक स्थलों को भी बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं। पर्यटकों के लिए धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम और शहीद स्मारक बंद कर दिए हैं। एचपीयू और साई हॉस्टल खाली करा दिए हैं। शादियों और घरेलू आयोजनों में भीड़ जुटाने पर भी रोक है। सरकार ने ऐेसे समारोह टालने की अपील की है।

शक्तिपीठों में पहले से आए श्रद्धालुओं को सुबह दर्शन कराने के बाद सभी को लौटा दिया। मंदिरों के प्रवेश द्वारों और राज्य की सीमाओं पर नाके लगा श्रद्धालु वापस भेजे। मंदिर परिसर और सरायें खाली करवा दी हैं। मंदिरों में पुलिस और होमगार्ड के जवान तैनात किए हैं। जिन मंदिरों में भीड़ कम रहती है और उन्हें बंद नहीं किया, वहां सैनिटाइजर और हाथ धोने की व्यवस्था की है।

चिंतपूर्णी मंदिर के सुबह 10 बजे, ज्वालाजी में 11, नयनादेवी 11:15, बज्रेश्वरी, चामुंडा दोपहर 12, दियोटसिद्ध के बाबा बालकनाथ मंदिर के दोपहर एक बजे कपाट बंद किए गए। श्रद्धालुओं को लाउड स्पीकर से लौटने को कहा गया। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा से आए श्रद्धालु बिना दर्शन किए लौटे। हालांकि, मंदिरों में रोजाना की तरह पूजा-अर्चना और आरती हुई। श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों की वेबसाइट और यू-ट्यूब पर लाइव दर्शन की व्यवस्था की है। धर्मगुरु दलाईलामा के निजी सचिव तेंजिन टाकला ने बताया कि अब 15 अप्रैल तक मैक्लोडगंज स्थित मंदिर बंद करने का निर्णय लिया है। निर्वासित तिब्बत सरकार ने भी भारत, नेपाल और भूटान में तिब्बती मठों, सभी बोर्डिंग और डे स्कूल एक माह के लिए बंद करने का निर्णय लिया है।

निर्वासित सरकार ने तिब्बतियों से एक माह तक शादी समारोह रद्द करने का आह्वान किया। निर्वासित तिब्बत सरकार के कर्मचारी भी यात्राओं, बैठकों, प्रशिक्षण कार्यक्रम और कार्यशालाओं में भाग नहीं लेंगे। बगलामुखी, भीमाकाली, श्राईकोटी मंदिर, सिमसा मंदिर, पंचवक्त्र, त्रिलोकीनाथ, अर्द्धनारीश्वर, कमलाह मंदिर, बरसेलों, रघुनाथ मंदिर कुल्लू, अखाड़ा बाजार का गुरुद्वारा, छोटी नागनी माता मंदिर, भड़वार स्थित नागनी माता, रते घर वाली माता मंदिर, डिवकेश्वर मंदिर आदि

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के सभी 14 छात्रावासों को विवि प्रशासन की ओर सोमवार को जारी अधिसूचना के अनुसार खाली करवा दिया गया है। सुबह से ही छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थी अपने बैग उठाकर घरों की ओर निकलना शुरू हो गए, यह क्रम देर शाम तक जारी रहा। विवि प्रशासन द्वारा पांच बजे तक छात्रावास खाली करने के दिए गए आदेशों और जारी नोटिस पर विद्यार्थियों ने अपने आप ही बिना किसी विरोध के घर जाना शुरू कर दिया था। दोपहर बाद तक छात्रावास खाली हो गए थे।

देर छह बजे शाम को विवि के चीफ वार्डन प्रो. नयन सिंह ने अपने वार्डन की टीम के साथ छात्रावासों में जा कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कर्मचारियों से खाली हुए छात्रावासों में ताले लगवाए। चीफ वार्डन ने कहा कि विवि छात्रावासों में रहने वाली दो विदेशी छात्राओं को विद्योतमा छात्रावास में और एक विदेशी छात्र को ही छात्रावास में ठहरने की अनुमति दी गई है। उन्होंने स्टाफ को आवश्यक दिशानिर्देश भी मौके पर जारी किए। विवि के 14 छात्रावासों में से 10 गर्ल्ज छात्रावास में 1081 छात्राएं रहती हैं, वहीं चार ब्वॉयज छात्रावासों में 573 छात्र रहते हैं । चीफ वार्डन ने बताया कि सभी 1660  छात्र छात्राओं ने छात्रावास के कमरें छोड़ दिए हैं, वे घरों को चले गए हैं।

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