AGR मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट टेलीकॉम कंपनियों के लिए केंद्र के अनुरोध पर भड़क गया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “यह सरासर अवमानना है…”. सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर टेलीकॉम कंपनियों के मालिक चाहते हैं तो उनको कोर्ट बुला कर यही से जेल भेज देंगे. DOT को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि किसने बकाया राशि के लिए पुनर्मूल्यांकन करने के लिए कहा. कोर्ट ने कहा कि यह अवमानना का मामला बनता है. जो हो रहा है वो बेहद चौकाने वाला है. बकाया राशि के भुगतान का पुनर्मूल्यांकन को हमनें इजाजत नहीं दी तो ये कैसे हुआ -“क्या हम मूर्ख है’. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये कोर्ट के सम्मान की बात है क्या? टेलीकॉम कंपनियां को लगता है कि वो संसार में सबसे पॉवरफुल है.
सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक कहा कि की बकाया राशि का पुनर्मूल्यांकन नही होगा. जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि टेलीकॉम कंपनियों को कोर्ट के आदेश के मुताबिक भुगतान करना ही होगा. कंपनियों को ब्याज और जुर्माना दोनों ही देना ही होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो टेलीकॉम कंपनियों को भुगतान की समय सीमा देने की केंद्र की अर्जी पर अगली सुनवाई में तय करेगा. दो हफ्ते बाद सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई करेगा