भारत वर्तमान में कोरोना वायरस के दूसरे स्टेज में है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के मुताबिक, स्टेज-2 का अर्थ है कि अभी वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन (लोगों के बीच आपस में नहीं फैला है) नहीं हुआ है. वर्तमान में 100 से ज्यादा देश कोरोना वायरस से प्रभावित है. करीब 7,000 लोगों को इस वायरस से जान गंवानी पड़ी है. भारत में इससे 130 से ज्यादा लोग संक्रमित हैं और 3 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. भारत कोशिश कर रहा है कि वह कोरोना वायरस के स्टेज-3 में नहीं पहुंचे.
आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने मंगलवार को कहा, “हम कोरोना वायरस के दूसरे चरण में हैं. हम तीसरे चरण में अभी नहीं पहुंचे हैं. तीसरा चरण कम्युनिटी ट्रांसमिशन है, हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह स्थिति नहीं आनी चाहिए.” उन्होंने कहा, “यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम कितनी तत्परता से अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमा को बंद करते हैं, इसी वजह से सरकार ने बहुत सक्रिय रूप से कदम उठाए हैं, लेकिन हम यह नहीं कह सकते हैं कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं होगा.”
स्टेज 1: इस स्थिति में संक्रमण के मामले वायरस से प्रभावित देशों से आते हैं. इसमें वहीं लोग संक्रमित पाए जाते हैं जिन्होंने विदेश की यात्रा की होती है.
स्टेज 2: जब संक्रमित लोगों से बीमारी का फैलाव स्थानीय लोगों में होता है. उदाहरण के लिए, जब कोई वायरस प्रभावित देश जाता या लौटता है और अपने रिश्तेदारों या परिचितों के संपर्क में आता है, जिससे वे भी संक्रमित हो जाते हैं.
इस स्थिति में स्थानीय ट्रांसमिशन में बहुत कम लोग प्रभावित होते हैं. इस स्थिति में वायरस का सोर्स पता होता है और उसे आसानी से ट्रेस किया जा सकता है.
स्टेज 3: जब वायरस कम्युनिटी ट्रांसमिशन में पहुंच जाता है तो बहुत बड़ा क्षेत्र इससे प्रभावित होता है. इस स्टेज में यह बीमारी भारत के अंदर मौजूद संक्रमित लोगों से यहीं के दूसरे लोगों में फैलने लगेगी. यह बेहद खतरनाक स्थिति है. इस स्टेज में टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए लोग यह नहीं जानते हैं कि उनमें वायरस कहां से आया है. इटली और स्पेन अभी इसी चरण में हैं.
स्टेज 4: यह सबसे भयावह स्थिति है, जब बीमारी महामारी को रूप ले लेती है और यह स्पष्ट नहीं होता है कि इसका खात्मा कब होगी. चीन में ऐसा ही हुआ है.