दुनिया भर में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस से बचने के लिए देवभूमि हिमाचल में गुरुवार से 31 मार्च तक बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगाने की तैयारी है। राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में इस पर मंथन हुआ। बैठक में मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची समेत सरकार के अन्य शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में तय हुआ कि बाहरी राज्यों के लिए फिलहाल चुनिंदा बसें ही भेजी जाएंगी। आने वाले समय में सभी बस सेवाएं भी बंद की जा सकती हैं। नेपाल सीमा के लिए बस सेवा बंद कर दी गई। शिमला-टनकपुर बस केवल हरिद्वार तक जाएगी। पुलिस ने भी सूबे के बॉर्डर एरिया सील कर दिए। श्रद्धालुओं को वापस भेजा जा रहा है। उधर, सरकारी एवं गैर सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों और अन्य लोगों को स्क्रीनिंग के बिना प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। दफ्तरों के मुख्य द्वार पर सैनेटाइजर रखने के निर्देश हैं।
खांसी, जुकाम, बुखार व अस्थमा जैसे मरीजों को छुट्टी लेने को कहा है। सरकार ने कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अफवाह न फैलाएं। अधिकारियों को सिर्फ जरूरी बैठकें करनी होंगी। रुटीन बैठकें वीडियो कांफ्रेंसिंग से होंगी। अधिकारियों को टूर न करने के भी निर्देश हैं। 50 साल व इससे अधिक उम्र के लोग और गर्भवती महिलाओं को नियमित दवाइयां लेने को कहा है। दफ्तरों में ज्यादातर काम ई-मेल से करने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए तत्काल पांच करोड़ रुपये जारी करने का निर्णय लिया है। यह राशि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से प्रथम चरण में जरूरी कदम उठाने के लिए जारी की है। यह जानकारी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक की अध्यक्षता करने के दौरान दी। केंद्र ने राज्य आपदा राहत कोष में आगामी वित्त वर्ष के लिए 454 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने प्रदेश में भू-स्खलन और भूकंप के जोखिम को कम करने के लिए 50 करोड़ रुपये भी जारी किए हैं।