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इस्तीफे से संकट में घिरे CM कमलनाथ ने कहा कि वह बहुमत साबित नहीं करेंगे…

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मध्य प्रदेश में सरकार बचाने और गिराने की कवायद हर स्तर पर जारी है. कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के इस्तीफे से संकट में घिरे मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि वह बहुमत साबित नहीं करेंगे और न ही उन्होंने इस्तीफे के बारे में सोचा है. उन्होंने कहा कि हमारे विधायकों को डरा-धमका कर बेंगलुरु के रिजॉर्ट में बंधक बनाकर रखा गया है, पहले उन्हें छोड़ा जाए और वो आए अपनी बात स्पीकर के सामने रखें. इसके बाद जो भी फैसला होगा उसे स्वीकार करेंगे.

कमलनाथ ने राजदीप सरदेसाई के साथ विशेष बातचीत में कहा कि हमारी सरकार के पास बहुमत है और हम फ्लोर टेस्ट में क्यों जाएं. बीजेपी को लगाता है कि हमारी सरकार के पास बहुमत नहीं है तो शिवराज सिंह चौहान अविश्वास प्रस्ताव लाएं फिर हम सदन के अंदर बहुमत साबित करके दिखाएंगे. कमलनाथ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी आदेश होगा उसे हम स्वीकार करेंगे.

कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस के विधायकों को कौन ले गया और उन्हें किसके जहाज से ले जाया गया है, यह सवाल है. उन्होंने कहा कि हमारे विधायकों को कर्नाटक में छिपाकर रखा गया है और उनका इस्तीफा बीजेपी नेता लाकर दे रहे हैं. इससे साफ जाहिर है कि हमारे विधायकों को डरा-धमकाकर उनसे इस्तीफा लिया गया है. अगर विधायकों ने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया है तो उन्हें स्वतंत्र रूप से स्पीकर के सामने आना चाहिए. उन्होंने कहा कि वे सभी मीडिया के सामने अपनी बात रखें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने 15 महीने में कई बार बहुमत साबित किया है. आज भी हमारी सरकार बहुमत है में है. ऐसे कोई कोई सड़क पर खड़े होकर कह दे कि सरकार के पास बहुमत नहीं है तो क्या यह सही है. बीजेपी को लगता है कि हमारी सरकार को बहुमत नहीं है तो विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश करें और इस पर बहस हो, फिर पता चल जाएगा बहुमत है या नहीं. बीजेपी कह रही है फ्लोर टेस्ट करो, फ्लोर टेस्ट का क्या मतलब है? यह तो अविश्वास प्रस्ताव दे चुके हैं, लेकिन अब मुकर रहे हैं. हालांकि, ये मामला स्पीकर और उनके बीच का है.

कांग्रेस के इस्तीफे के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि ये किसने कहा कि कांग्रेस विधायक छोड़कर चले गए. इन्हें दबाकर, डराकर और धमका कह लाया जा रहा है. इन विधायकों को क्यों नहीं छोड़ा जा रहा है. किस बात का उन्हें खतरा है. हमारे विधायकों को छोड़ा जाए वो स्वतंत्र होकर मीडिया के सामने आएं और स्पीकर के सामने अपनी बात रखें. खतरा बस यही है कि बीजेपी उन्हें डराकर रखना चाहती है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिग्विजय सिंह राज्यसभा के उम्मीदवार हैं और वे कांग्रेस के अपने विधायकों से मिलने गए थे. कर्नाटक में जो विधायक हैं उन्होंने यह नहीं कहा है कि उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी है. दिग्विजय को कांग्रेस विधायकों से मिलने नहीं दिया गया. कर्नाटक की 500 पुलिस जवानों के पहरे में हैं. यह बात साफ साबित करती है कि किस प्रकार से उन्हें बंधक बनाया गया है. विधायक उन्हें मना कर देते की हमें आपसे नहीं मिलना तो वे वापस लौट आते, लेकिन उन्हें रोकना और यह कहना कि विधायक नहीं मिलना चाहते हैं, गलत है.

कमलनाथ नेशिवराज सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने के सपने आ रहे हैं, वे ही नहीं बल्कि बीजेपी के कई और नेता मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. बीजेपी की ओर से 3-4 इस रेस में हैं, लेकिन इनका सपना साकार कभी नहीं होने वाला. यह बड़ी भूल में है कि बहुमत इनके पास है. ये 16 विधायकों को वापस लाने में क्यों घबरा रहे हैं. इन्होंने विधायकों को 500 से 1000 पुलिसवालों की कैद में रखा है. बंधक बनाकर कुछ भी लिखवा सकते हैं, कहलवा सकते हैं. विधायकों अपने क्षेत्र में जाने दो, उन्हें फ्री छोड़ दो, पता चल जाएगा वे किसके पक्ष में हैं

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