भोपाल. बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) द्वारा जारी की गई परीक्षा कराने की अधिसूचना केा लेकर छात्रों व उनके अभिभावकोेें में परेशानी बढ़ी है। कोरोना संक्रमण के कारण पूरा देश लॉकडाउन है। इसको लेकर प्रोफेसर्स वर्ग भी हैरान है। इन सबका सवाल यही है कि परीक्षा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कैसे हो सकेगा।
प्रोफेसर्स बताते हैं कि एक कमरे में कम से कम 50 छात्रों की बैठक व्यवस्था की जाती है। परीक्षा तीन शिफ्टों में होती है। इसके बाद भी संसाधनों की कमी होती है। उधर, सूत्रों की मानें तो उच्च शिक्षा विभाग छात्रों की सेफ्टी के मद्देनजर शासन के सामने यूजी और पीजी के छात्रों को जनरल प्रमोशन देने का प्रस्ताव रख सकता है। हालांकि अधिकारी अभी इस विषय पर विचार कर रहे हैं। इसके लिए वे जनरल प्रमोशन देने के लिए उन सभी तथ्यों की जांच कर रहे है जिससे यह पता लगाया जा सके किन-किन कक्षाओं में जनरल प्रमोशन दिया जा सकता है और उसका आधार क्या होगा।
संभव है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा ली जाने वाली अगली समीक्षा बैठक में इस विषय पर चर्चा की जाए। प्रांतीय शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ के प्रांतीय महासचिव प्रो. आनंद शर्मा कहना है कि परीक्षा कराना छात्रों की सुरक्षा से खिलवाड़ करना है। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना मुश्किल होगा,क्योंकि यह मुद्दा सिर्फ बीयू तक सीमित नहीं है। बीयू सहित अन्य पारंपरिकि विवि से संबद्ध कॉलेजों में संचालित कोर्सेंस में हजारों की संख्या में छात्र एडमिशन लेते हैं। इनकी कम समय में परीक्षा कराना संभव नहीं है। इसलिए जनरल प्रमोशन दिया जाना चाहिए।
छात्रों का लाॅकडाउन खुलने के बाद सामान्य स्थिति नहीं बनने तक अपने घरों से लौटने में दिक्कत आ सकती है। इसके चलते आवाज संस्था की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी छात्रों को जनरल प्रमोशन (अंतिम वर्ष को छोड़कर) देने की मांग की गई है। देने पर विचार किया जा सकता है। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कॉलेजों में विभिन्न कोर्स का पाठ्यक्रम भी पूरा नहीं हो सका है।जाए सूचीी
इसके अलावा आवाज संस्था ने ऐसे छात्र-छात्राओं को सूचीबद्ध करने की मांग उठाई जो दूसरे जिलों से पढ़ाई करने आते हैं। इन छात्रों को परेशानी उठानी पड़ रही है। ऐसे छात्रों की सूची न होने के चलतेे इन तक राहत सामग्री पहुंचाने में भी दिक्कत आ रही है।