भोपाल लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण और उसके खौफ के बीच अच्छी खबर आई है। यहां पर कोरोना संक्रमित तीसरे व्यक्ति ने इस लड़ाई में जीत हासिल की और स्वस्थ होकर अपने घर पहुंच गया। सेमरा निवासी रेलवे गार्ड आरएस धाकड़ को शनिवार को एम्स अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
उन्हें 14 दिन तक होम क्वारैंटाइन रहना होगा। धाकड़ ने कहा- मैं एम्स के मेडिकल स्टाफ को सैल्यूट करता हूं। असल में यही लोग हैं, जो इस वक्त देश की सच्ची सेवा कर रहे हैं। एम्स के स्टाफ ने मेरा बहुत ध्यान रखा और रेलवे के अधिकारी-कर्मचारियों के लगातार फोन आते रहे, जिससे हौसला बना रहा। कोरोना की लड़ाई में इस समय सीधे तौर पर पुलिस और मेडिकल स्टाफ लड़ रहा है।
आरएस धाकड़ ने कहा, “अगर किसी के अंदर इस समय सच्ची राष्ट्रीयता की भावना है तो वह इन डॉक्टर्स और मेडिकल स्टॉफ के अंदर है। मेरा इस मेडिकल स्टॉफ को सैल्यूट है। एम्स में किसी भी प्राइवेट अस्पताल से ज्यादा बेहतर सुविधाएं हैं और सबने मुझे हौसला दिया, जिससे मैं आज ठीक होकर जा रहा हूं। आज के समय में हमारे डॉक्टर, नर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ द्वारा की जाने वाली मानव सेवा को ही सबसे बड़ी राष्ट्रीयता है।”
आरएस धाकड़ ने डायरेक्टर एम्स सरमन सिंह और उनकी टीम, डॉक्टर्स, नर्स, स्टाफ के साथ-साथ रेलवे के डीआरएम और वरिष्ठ अधिकारियों को उनका मनोबल बढ़ाने के लिए धन्यवाद दिया।आरएस धाकड़ रेलवे में गार्ड है। कोरोना संक्रमण के बाद इनका टेस्ट पॉज़िटिव आया था। उन्हें इलाज के लिए 25 मार्च को एम्स में भर्ती किया गया था।
एम्स के डायरेक्टर सरमन सिंह ने बताया कि धाकड़ कोरोना संक्रमण की संभावना के चलते रेलवे अस्पताल द्वारा रेफर किए गए थे। सैंपलिंग की जांच के बाद इनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया। लगातार इलाज, इच्छा शक्ति और संयम से इन्होंने कोरोना को पराजित किया। एम्स से यह लगातार तीसरे मरीज है जो स्वस्थ होकर आज घर पहुचे है।
इसके पहले एम्स से कोरोना संक्रमण से प्रभावित 2 मरीज केके सक्सेना और उनकी बेटी गुंजन सक्सेना भी स्वस्थ होकर घर पहुंचे। इन सभी लोगों को 14 दिन का होम आइसोलेशन की सलाह दी गई है। जिससे यह अपना इम्यून सिस्टम बढ़ा सकें और लोगो को कोरोना इलाज के बारे में जागरूक कर सकें।