हिमाचल के सोलन जिले के झाड़माजरी में निजी अस्पताल के दोनों कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चेन रिएक्शन का शिकार हुए हैं। अस्पताल में उपचार को पहुंचे हेलमेट निर्माता कंपनी के निदेशक सीधे इन कर्मचारियों के संपर्क में आए थे। उस समय इनके पास कोरोना संक्रमण से बचने के खास उपकरण भी नहीं थे। कोरोना संक्रमित तीन लोग इनसे मिले, जिसकी वजह से ये दोनों कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव हो गए।
इस अस्पताल को करीब एक सप्ताह पहले स्वास्थ्य विभाग ने सील कर दिया था। कोरोना वायरस ने झाड़माजरी में सबसे पहले हेलमेट निर्माता कंपनी के निदेशक की पत्नी को अपना शिकार बनाया था। यह महिला करीब एक सप्ताह से बुखार से पीड़ित थी, जिसे 30 मार्च को निजी अस्पताल में लाया गया। लेकिन तब तक महिला की पहचान कोरोना पॉजिटिव के रूप में नहीं हुई थी। यह महिला अस्पताल में दाखिल हुई तो उपचार से पहले सीधे रिसेप्शन पर जाना पड़ा और उसके बाद जरूरी परीक्षण के लिए तकनीकी सहायक के पास।
इतना ही नहीं, हेलमेट निर्माता कंपनी के संस्थापक निदेशक व उनकी पत्नी भी बुखार से पीड़ित होने के बाद 29 मार्च को इसी अस्पताल में उपचार के लिए आए थे, जिनकी रिपोर्ट बाद में कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। अस्पताल का शुरुआती भार सीधे रिसेप्शन पर होने की वजह से ये दोनों भी सबसे पहले वहीं गए। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल को क्वारंटीन सेंटर में बदल दिया था और चिकित्सक समेत आठ कर्मचारियों को अस्पताल में ही रखा गया।
इनमें रिस्पेसनिस्ट व लैब तकनीशियन की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनके गुप्ता का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग पूरी एहतियात के साथ काम कर रहा है। सभी अस्पतालों में कार्यरत गैर चिकित्सकीय स्टाफ को स्वच्छता व सुरक्षा का पूरा ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं। इन सभी को मास्क और अन्य जरूरी उपकरणों के साथ ड्यूटी देने को कहा गया है ताकि कोरोना संक्रमण से बचा जा सके।