Home हिमाचल प्रदेश हिमाचल में आज से पशु औषधालय खुलेंगे दवाएं भी मिलेंगीं…

हिमाचल में आज से पशु औषधालय खुलेंगे दवाएं भी मिलेंगीं…

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हिमाचल में आज से पशु औषधालय खुल जाएंगे और दवाएं भी मिलेंगी। विभाग ने पशु चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए चंबा के थुलेल, खरगट, लाहरू, बेरांगल और कोटी में पांच ट्रांजिट शिविर स्थापित किए हैं। अब तक चंबा जिले में प्रवेश करने वाले 280 भेड़ समूहों को कवर किया गया है।

चंबा में पशुधन के साथ गुज्जर समुदाय का प्रवास अभी शुरू नहीं हुआ है। कांगड़ा में पशुपालन विभाग के उप निदेशक को राज्य और राज्य के बाहर चारे के परिवहन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

हिमाचल सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान लॉकडाउन की स्थिति में पशु चिकित्सा संस्थान नियमित पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। पशु चिकित्सा औषधालय आपातकालीन सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार राज्य में घुमंतू लोगों को प्राथमिकता दी गई है। पशुधन की स्वतंत्र आवाजाही की अनुमति दी गई है।

गद्दी और गुज्जरों आदि को राशन आदि के अलावा अन्य सहायता प्रदान करने का निर्देश दिए हैं। अब तक 500 प्रवासी पशुधन मालिकों से संपर्क किया जा चुका हैं, जो प्रवास पर हैं। सिरमौर, सोलन, शिमला, बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर, मंडी और कांगड़ा जिले में स्थानीय प्रशासन के माध्यम से जरूरतमंद व्यक्तियों को लगभग 150 राशन किट प्रदान किए हैं।

राज्य दूध संघ और कामधेनु हितकारी मंच, नम्होल जिला बिलासपुर नियमित रूप से दूध का प्रसंस्करण कर रहे हैं। दूध की दैनिक खरीद लगभग 65 हजार लीटर प्रति दिन से बढ़कर अब 80,000 लीटर प्रतिदिन हो गई है। चारे के परिवहन के लिए परमिट जारी किए जा रहे हैं। राज्य में लगभग 35,000 क्विंटल सूखा चारा प्राप्त हुआ है।

चंबा में गुज्जरों की 28 ग्राम पंचायतें कोरोना वायरस हॉटस्पॉट हैं। इसलिए दूध की बिक्री प्रभावित हो रही है। इन क्षेत्रों के लोगों को अधिशेष दूध से घी, पनीर आदि उत्पाद तैयार करने की सलाह दी है। राज्य के अन्य जिलों से गद्दी और गुज्जरों की समस्याओं की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।

बाहरी राज्यों से 168 ट्रक भूसा आया, 450 परमिट जारी
लाक डाउन के बाद अब तक बाहरी राज्यों से 168 ट्रक गेहूं का भूसा, जानवरों का चारा, हरा घास लाया जा चुका है। अब तक जिला कांगड़ा में चारे के अंतरराज्यीय और राज्यीय परिवहन के लिए 450 परमिट जारी किए हैं। गो-सदनों को भूसा और चारे के लिए 12,39,660 रुपये प्रदान किए हैं।

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