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MP अब तक 1371 केस इंदौर में 892 और भोपाल में 207 कोरोना संक्रमित…

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इंदौर में कोरोना के पेंडिंग सैंपल की जांच पूरी हो गई है। यहां अब तक कुल 892 संक्रमित मरीज मिले हैं। 47 मरीजों की मौत हो गई। अस्पताल में भर्ती 35 मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है। अब निगाहें भोपाल पर हैं। एक-दो दिन में यहां अप्रत्याशित रूप से संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो सकता है। शुक्रवार को 1317 सैंपल विशेष विमान से दिल्ली भेजे गए हैं। इनकी रिपोर्ट आज रात तक आने की उम्मीद है।

1300 सैंपल आज भेजे जाएंगे। कुछ पहले से पेंडिंग सैंपल को मिलाकर कुल 4996 की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। इसके साथ ही प्रदेश में संदिग्ध मरीजों की जांच और सैंपल आज भी लिए जाएंगे। इसलिए पैंडिंग सैंपल की संख्या में और इजाफा हो सकता है।
लॉकडाउन के फेज-2 में कुछ छूट मिलने से आम लोगों की मुश्किलें कम हुई हैं। जरूरत का सामान सब्जी और किराना आसानी से मिल रहा है। नए भोपाल में लॉकडाउन का पालन लोग खुद ही कर रहे हैं। पुराने शहर में अभी भी लोग मानने को तैयार नहीं हैं। पुलिस के हटते ही लोग सड़कों पर आ जाते हैं।
दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही मिलेगी अफसरों को छुट्‌टी
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पल्लवी जैन गोविल और हेल्थ कॉरपोरेशन के सीईओ जे. विजय कुमार की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई है। फिलहाल ये चिरायु अस्पताल में भर्ती हैं। एक-दो दिन में इनके और सैंपल लिए जाएंगे। दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आने के बाद इन्हें अस्पताल से छुट्‌टी दी जाएगी।

भोपाल: पति के बाद तीन बेटियां भी कोरोना पॉजिटिव
भानपुर स्थित शबरी नगर में एक ही परिवार के 4 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। घर में अब 11 साल का बेटा और उसकी मां ही हैं। इनके भी सैंपल लिए गए हैं, लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है। महिला ने बताया कि उनके पति प्राइवेट नौकरी करते हैं। 7 अप्रैल को उनके साथ पार्ट टाइम काम करने वाला स्वास्थ्य विभाग का एक कर्मचारी कोराना पॉजिटिव पाया गया।

इसके बाद उनके पति ने भी 8 अप्रैल को टेस्ट कराया था। 12 अप्रैल को पति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद कुछ डॉक्टर, पुलिस के साथ घर आए और उन्हें चिरायु अस्पताल ले गए। मैं, मेरा बेटा और तीनों बेटियों (22, 20,15 वर्षीय) के भी सैंपल लिए। 16 अप्रैल को मेरी तीनों बेटियों की रिपोर्ट भी कोराना पॉजिटिव आई।

इंदौर में कोरोना संक्रमण काल में लोग घरों में रहें, इसलिए पुलिस नए-नए प्रयोग कर रही है। शुक्रवार को एमजी रोड पुलिस ने अपने एक कांस्टेबल जवाहर सिंह को यमराज बनाकर सड़क पर उतार दिया। उन्होंने घरों से बेवजह निकले लोगों पर गदा बरसा कर समझाइश दी। एक युवक जब कोई कारण नहीं बता सका और बहस करने लगा तो यमराज ने उससे उठक-बैठक लगवाई। बाद में युवक को गलती का अहसास हुआ और उसने माफी मांगी।

देवास: मस्जिद के सदर के कहने पर सफाई कर्मियों पर हमला
देवास के खातेगांव में शुक्रवार सुबह दो सफाईकर्मियों पर मोहल्ले में रहने वाले आदिल ने कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। एक सफाईकर्मी बुरी तरह घायल हो गया। उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया है। मामले में हमलावर आदिल, उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसका भाई फरार है। पुलिस पूछताछ में आदिल ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि जामा मस्जिद के सदर गोप खां ने जुमे की नमाज के दिन कहा था कि जब से लॉकडाउन चालू हुआ है, तब से ये लोग हम नमाजियों को परेशान कर रहे हैं। तुम लोग भी उन्हें मारो।

अपने क्षेत्र को कोरोना से बचाने के लिए रेसकोर्स रोड के रहवासियों ने एक्शन प्लान लागू किया है। मुख्य मार्ग को छोड़कर आठ रास्तों को बंद कर दिया। केवल दो रास्तों से प्रवेश दिया जा रहा है, वो भी आई-कार्ड देखकर। सरकारी अमले के साथ दूध और पेपर वालों के अलावा नौकर, ड्राइवर समेत सभी का प्रवेश वर्जित कर दिया है।

850 परिवार के चार हजार लोगों ने तीन दिन पहले यह व्यवस्था लागू की। रहवासी बताते हैं कि कोरोना को हम अपने क्षेत्र में नहीं आने देना चाहते। इसलिए यह योजना बनाई है। यूथ और महिला विंग बनाई है जो ऑनलाइन गेम्स खिलवाने के साथ व्यवस्थाओं पर नजर बनाए रखते हैं। कोर कमेटी के 16 सदस्यों के जिम्मे सारी व्यवस्थाएं हैं। जो व्यक्ति या परिवार नियमों का पालन नहीं करेगा, उसके लिए सामाजिक बहिष्कार जैसे दंड भी निर्धारित किए हैं।

इंदौर में 12 लाख लोगों पर नजर रखने के लिए प्रशासन ने कोविड 19 मॉनिटरिंग एप बनाया है। जीआईएस मैपिंग कर कंटेनमेंट एरिया को 200 से 250 घरों के सेक्टर में बांटा है और हर सेक्टर में टीम लगाई है। यदि किसी में सर्दी, खांसी के लक्षण आते हैं तो डॉक्टर के पास अलर्ट जाता है और वह दो घंटे में वहां पहुंचकर जांच करता है, डॉक्टर को संदिग्ध लगता है तो तीन तरह के अलर्ट जाते हैं कि वह व्यक्ति क्वारैंटाइन जाने योग्य है, अस्पताल जाने योग्य है या सैंपल लेने योग्य। इस आधार पर रैपिड रिस्पांस टीम, एसडीएम या सैंपल टीम को मैसेज चले जाते हैं।

लॉकडाउन के दौरान कई ऐसी कहानी सामने आईं, जिसमें लोग सैकड़ों किमी पैदल चलकर घर पहुंचे। एक ऐसा ही वाक्या उज्जैन में भी सामने आया। यहां नीलगंगा थाने में पदस्थ 60 साल के हेड कांस्टेबल रमेश तोमर मुरैना से 16 दिन पैदल चलकर 500 किमी दूर उज्जैन पहुंचे। इस दौरान उन्हें सिर्फ दो दिन खाना नसीब हुआ। बाकी दिन उन्होंने बिस्किट और नमकीन खाकर यात्रा की। पुलिसकर्मी के इस जज्बे की आलाधिकारियों ने भी सराहना की। हेड कांस्टेबल 21 मार्च को विसरा रिपोर्ट के सिलसिले में उज्जैन से ग्वालियर गए थे। यहां उन्होंने थाने पर रिपोर्ट जमा कर रसीद ली औ

उज्जैन आने के लिए स्टेशन पहुंचे। लॉकडाउन के कारण स्टेशन पर उन्हें घुसने नहीं दिया गया। इसके बाद वे पैदल ही बस स्टैंड पहुंचे, लेकिन कोई बस नहीं थी। उन्होंने बेटे को फोन करके बुलाया, लेकिन वह नहीं आ पाया। किसी तरह तोमर बेटे के पास मुरैना पहुंचे। उन्होंने बेटे से कहा कि मुझे उज्जैन तक छोड़ दे, पर उसने कहा कि मैं आपको छोड़कर लौटूंगा तो पुलिसवाले रास्ते में मारेंगे। इसलिए मैं तो नहीं जा पाऊंगा। इस पर तोमर पैदल ही मुरैना से उज्जैन के लिए रवाना हुए।

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