हिमाचल में कोरोना वायरस ज्यादा असर नहीं कर पाया है। प्रदेश में यह बीमारी अब तक 40 लोगों को ही अपनी गिरफ्त में ले पाई है। हिमाचल के सीमा क्षेत्रों को सील करने और बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की सख्ती से निगरानी की वजह से इस बीमारी को पांव पसारने से रोका जा सका। हिमाचल में 25 कोरोना संक्रमित ठीक हो गए हैं। अब अस्पतालों में 10 मरीज उपचारधीन है। अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों की हालत ठीक है। कोरोना को मात देकर
हिमाचल आगे बढ़ रहा है। 15 दिन पहले ऊना और सोलन में कोरोना के मामले बढ़ने से जहां सरकार की चिंता बढ़ गई थी, वहीं बीते पांच दिनों से कोरोना के नए मामले न आने से हिमाचल की जनता ने राहत की सांस ली है।
स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि हिमाचल में कोई भी कोरोना पॉजिटिव का गंभीर मामला नहीं है। अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने कहा कि हिमाचल में कोरोना पर काफी हद तक काबू पा लिया है। आगे भी नियमों का पालन किए जाने से इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है। हिमाचल में कोरोना का गंभीर मामला नहीं है। लोगों को जल्दी छुट्टी होनी शुरू कर दी
जाएगी। प्रदेश में अब तक 10128 लोगों को निगरानी में रखा था। इनमें 5852 लोगों ने 28 दिन की निगरानी अवधि पूरी कर ली है। प्रदेश में कोरोना को लेकर अब तक 5106 लोगों की जांच की गई। 5022 लोगों की रिपोर्ट अब तक निगेटिव आ चुकी है। सोमवार को राज्य में 205 सैंपलों की जांच की गई। इनमें से 161 की निगेटिव रिपोर्ट आई। जबकि 44 सैंपलों की रिपोर्ट आना बाकि है।
सीएम ने उम्मीद जताई है कि नया मामला नहीं आया तो तीन मई के बाद हिमाचल कोरोना मुक्त हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 40 में से अब 10 कोरोना पाजिटिव मरीज हैं। 25 स्वस्थ होकर घर चले गए हैं। चार व्यक्ति प्रदेश से बाहर इलाज करवा रहे हैं जबकि एक व्यक्ति का देहांत हो चुका है। सीएम ने कहा कि बीते पांच दिनों से कोई भी नया मामला सामने नहीं आया है।
हिमाचल में कोरोना वायरस का जांच अनुपात सबसे ज्यादा
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पीएम से वीडियो कांफ्रेंस पर मुख्यमंत्रियों की बैठक में कहा कि राज्य में जांच अनुपात 700 प्रति 10 लाख व्यक्ति है, जो देश में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान एक विशेष अभियान है, जिसमें 70 लाख लोगों की इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी जांचने को 16 हजार कर्मचारियों के दल की ओर से जांच की जा चुकी है। इस काम में आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पैरा मेडिकल स्टाफ और पुलिस कर्मचारी शामिल हैं।
वहीं, राजस्थान के कोटा से लौटे सभी विद्यार्थियों के कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव पाई गई है। इन्हें अब घर भेजा जाएगा। इन विद्यार्थियों को लेने गए अतिरिक्त निदेशक सुनील शर्मा और चालकों को क्वारंटीन किया गया है। उधर, आईसीएमआर ने नेरचौक मेडिकल कॉलेज में कोरोना टेस्ट की जांच करवाने को मंजूरी दे दी है।
मंगलवार से कॉलेज में टेस्ट की जांच होनी शुरू हो जाएगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान ने कहा कि अभी आईजीएमसी शिमला, टांडा, कसौली और पालमपुर में कोरोना सैंपल की जांच हो रही है। अब नेरचौक मेंभी टेस्ट की जांच होने से लोगों के ज्यादा से ज्यादा सैंपल लिए जा सकेंगे।