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प्रदेश की आर्थिक हालत सुधारने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए के ग्रांट की जरूरत होगी….

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राज्य की अर्थव्यवस्था में गति लाने के लिए एक लाख करोड़ रुपए की ग्रांट की जरूरत होगी। मध्य प्रदेश सरकार ने आर्थिक संकट से निपटने के लिए समिति का गठन किया है। सोमवार को समिति के सदस्यों के साथ मुख्यमंंत्री शिवराज सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट आई है। पूरे प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आपके द्वारा दिए गए सुझावों पर अमल कर हम अपनी अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत बनाएंगे। समिति की पहली रिपोर्ट आज आ गई है,

दूसरी रिपोर्ट आने वाली है। राज्य की मौजूदा परिस्थितियों के अनुसार, रोजगार एवं आमदनी के साधन बढ़ाकर अपनी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाएंगे।
समिति के सदस्य अर्थशास्त्री प्रोफेसर रथिन राय ने कृषि, पशुपालन तथा निर्माण गतिविधियों को शुरू करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश को करीब 01 लाख करोड़ रूपए की भारत सरकार से ग्रांट की जरूरत होगी। उन्होंने बताया कि कोरोना संकट के कारण प्रदेश के राजस्व में 25 से 30 प्रतिशत की गिरावट आएगी।

राज्य सरकार का आर्थिक पैकेज
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए आपके द्वारा दिए गए सुझावों के अनुसार खर्चों में कटौती किए जाने के साथ ही भारत शासन के पैसा प्राप्त करने के पूरे प्रयास किए जाएंगे। राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के कारण घोषित आर्थिक पैकेज में मुख्यत: 46 लाख विभिन्न पेंशनधारियों को दो माह की पेंशन का अग्रिम भुगतान, 8 लाख 50 हजार मजदूरों को 01 हजार रुपए की सहायता, राज्य शासन के विभिन्न विभागों के कोविड-19 की ड्यूटी में लगे कर्मियों को 50 लाख रूपए का बीमा कवर शामिल है।

सीएसआर गतिविधियों की आवश्यकता होगी
अर्थशास्त्री सुमित बोस ने कहा‍ कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए सीएसआर गतिविधियों की भी आवश्यकता होगी। यदि भारत सरकार से ग्रांट नहीं मिलती है तो बाजार से राशि लेनी होगी। उन्होंने सामाजिक सुरक्षा पेंशन का वितरण आवश्यक बताया। उन्होंने बताया कि अर्थव्यवस्था सुधारने में राज्य सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज तथा भारत सरकार द्वारा जारी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के लिए पैकेज महत्वपूर्ण होगा।

एक करोड़ लोगों को दिया जाएगा काढ़े का पैकेट
प्रदेश सरकार एक करोड़ परिवारों तक काढ़े के पैकेट का वितरण करने की योजना बना रही है। प्रत्येक पैकेट का वजन 50 ग्राम होगा। काढ़ा लघु वनोपज संघ द्वारा बनाया जा रहा है। यह काढ़ा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करेगा। इससे ना केवल कोरोना बल्कि सर्दी जुकाम खांसी आदि के लिए लाभदायक होगा। इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा। यह अपनी तरह की अनूठी योजना है। संभवतः देश की पहली योजना होगी, जहां सरकार काढ़ा बांटकर लोगो की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम कर रही है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना

भारत सरकार द्वारा जारी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पैकेज के तहत प्रदेश में मुख्यत: स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्यरत कर्मियों, डॉक्टर आदि को 50 लाख रूपये का बीमा कवर, 1.11 करोड़ पात्र परिवारों को 5 किलो गेहूँ/चावल तथा एक किलो दाल, महिलाओं के 1.69 करोड़ जनधन खातों में 500 रूपये तीन माह तक जमा, गरीब, वृद्ध, गरीब विधवा तथा गरीब नि:शक्तजन (लगभग 22 लाख) को 1 हजार रूपये का एक्स-ग्रेशिया, प्रधानमंत्री किसान योजना अंतर्गत 64.96 लाख किसानों को चालू वर्ष की 2 हजार रूपये की प्रथम किश्त का भुगतान आदि प्रमुख हैं।

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