देश के कई बड़े जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों के 68,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण को बट्टे खाते में डालने के मुद्दे पर कांग्रेस और सत्तारूढ़ नरेंद्र मोदी सरकार आमने-सामने है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला की ओर इस मामले में सरकार को निशाने पर लेने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सरकार के बचाव में उतरी थीं
और उन्होंने सिलसिलेवार कांग्रेस के आरोपों के जवाब दिए थे. निर्मला के इस जवाबों पर कांग्रेस ने रिएक्शन देने में देर नहीं लगाई. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने वित्त मंत्री की सफाई पर ट्वीट के जरिये ‘काउंटर सवाल’ दाग दिए हैं. उन्होंने कहा-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने के बजाय इन सवालों के सीधे जवाब देना चहिए. मोदी सरकार ने 2014-15 और 2019-20 के बीच डिफाल्टरों का 6,66,000 करोड़ रुपये का बैंक कर्ज क्यों ‘राइट ऑफ’ किया
क्या 95 डिफ़ॉल्टरों का 68,607 करोड़ रुपये का क़र्ज़ माफ़ करने का RBI का RTI जबाब सही है?
मोदी सरकार देश का पैसा ले कर भाग गए घोटालेबाज़ों – नीरव मोदी+मेहुल चोकसी(8,048 करोड़ रु.), जतिन मेहता(6,038 करोड़), माल्या(1,943 करोड़) और अन्य मित्रों का क़र्ज़ क्यों राइट ऑफ़ कर रही है?इतना बड़े 6,66,000 करोड़ रुपये के बैंक क़र्ज़ राइट ऑफ़ करने की अनुमति सरकार में किसने दी और क्यों?