एक सप्ताह में नया मामला सामने नहीं आया तो हिमाचल कोरोना को मात देने वाला उत्तर भारत का पहला राज्य बनेगा। पांच मई तक सभी उपचाराधीन मरीजों के ठीक होने के बाद देवभूमि कोरोना वायरस से पीछा छुड़ाने जा रही है। इसके पीछे निसंदेह सीएम जयराम ठाकुर की अचूक रणनीति रही है। जनता ने भी सरकारी निर्देशों को मानते हुए पूरा साथ दिया।
खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने भी हिमाचल के इस मॉडल का अनुसरण करने को अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को कहा है। प्रदेश का इस जंग को जीतना एक उपलब्धि होने के साथ-साथ जनता के लिए बड़ी राहत की बात होगी। पूरे देश में कोरोना से लड़ाई में हिमाचल सरकार के उठाए कारगर कदमों, बेहतर रणनीति के साथ किए अचूक प्रबंधन, एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान को प्रभावी चलाने और निगरानी की लगातार चर्चा हो रही है। अब सिर्फ 10 व्यक्ति उपचाराधीन
प्रदेश में 40 व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाए गए, जिनमें से 25 व्यक्ति स्वस्थ होकर घर चले गए। चा
व्यक्ति प्रदेश से बाहर उपचाराधीन हैं, जबकि एक तिब्बत मूल के व्यक्ति का देहांत हुआ है। शेष 10 व्यक्तियों का अस्पतालों में लगातार स्वास्थ्य सुधार हो रहा है। एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान में 70 लाख लोगों की इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी के लिए जांच की। इस अभियान के तहत प्रदेश में जांच अनुपात देश में सबसे अधिक है।
कोरोना की चेन तोड़कर देश-दुनिया के लिए बनाई दवा
एक तरफ कोरोना की चेन तोड़ी गई और दूसरी तरफ प्रदेश की फार्मास्यूटिकल इकाइयों में निर्माण कार्य शुरू करवाकर देश और विश्व को आवश्यक दवाओं की आपूर्ति की गई। सीएम एचपी एसेंशियल मेडिसिन हेल्पलाइन भी चलाई। घर-द्वार दवाइयां उपलब्ध करवाई जा रही हैं। चंडीगढ़ व दिल्ली में प्रदेश सरकार ने कंट्रोल रूम स्थापित किए। देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रदेश के लोगों को लाने के लिए भी सरकार ने संवेदनशीलता दिखाई। सरकार ने कोविड फंड में करीब साढे़ 27 करोड़ रुपये जमा किए।
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जिस बेहतर रणनीति के साथ कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी है, उसकी सराहना स्वयं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं और देश के अन्य राज्यों से हिमाचल प्रदेश का मॉडल अपनाने की बात कही है, यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है।