स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने गुरुवार को बताया कि देश में कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़कर 33,050 हो गई है. पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना के 1744 नए मामले रिपोर्ट किए गए हैं. इसी दौरान कोरोना के 630 मरीज ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज भी किए जा चुके हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में अब तक 8324 लोग कोरोना के इलाज से ठीक हो चुके हैं. देश की रिकवरी रेट फिलहाल 25.19 फीसदी है.
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक कोरोना की वजह से मारे जाने वाले लोगों का रेशियो सिर्फ 3.2 फीसदी है. हालांकि 60 साल से ऊपर के मरीजों में डेथ रेशियो 51 प्रतिशत बताया गया है. यानी कि बुजुर्गों के लिए कोरोना वायरस कुछ ज्यादा ही घातक साबित हो रहा है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोरोना से मारे गए मरीजों में 65 फीसदी लोग पुरुष थे जबकि 35 प्रतिशत महिलाएं थीं. उम्र के हिसाब से डेथ रेशियो की बात करें तो 45 साल से कम उम्र के लोगों का डेथ रेशियो 14 फीसदी, 45 से 60 साल के मरीजों का डेथ रेशियो 34.8 प्रतिशत बताया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगे बताया गया कि सभी अस्पतालों को सलाह दी गई है कि जिन मरीजों को कोरोना नहीं है उन पर कोरना टेस्ट कराने का दबाव ना डालें.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इंडिया टुडे द्वारा रेपिड टेस्टिंग किट को लेकर किए गए स्टिंग का भी जिक्र किया. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि आईसीएमआर इसको लेकर सभी राज्यों के साथ संपर्क में है और कोआर्डिनेशन लगातार जारी है. इसके लिए एक गाइडलाइन भी बनाई गई है. रैपिड टेस्टिंग किट का एक सीमित रोल होता है. आईसीएमआर राज्यों को यह बता रहा है कि इसका इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है.
गृह मंत्रालय की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि गुरुवार को लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों, तीर्थयात्रियों, प्रवासी मजदूरों और पर्यटकों की घर वापसी के लिए अंतरराज्यीय आवागमन की इजाजत दे दी गई थी. इसके लिए सभी राज्यों के नोडल ऑफिसर होंगे जिनके अपने प्रोटोकॉल होंगे. बस में चढ़ने से पहले सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी. गृह मंत्रालय द्वारा यह भी बताया गया कि चेन्नई और हैदराबाद गई आईएमसीटी टीम कोरोना से निपटने के लिए वहां की गई व्यवस्था से पूरी तरह से संतुष्ट है.