इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून पिछले साल के मुकाबले पांच दिन पहले इंदौर में दस्तक देगा। इंदौर सेे पहले खंडवा, खरगोन में यह प्रवेश करेगा। मध्यप्रदेश के किस जिले में कब मानसून सक्रिय होगा, इसकी तारीख मौसम विभाग ने जारी कर दी। इंदौर जिले में मानसून 22 जून तक आएगा और 22 सितंबर तक विदा हो जाएगा।
पिछले साल 27 जून को आमद हुई थी। वै
मानसून दस्तक देने की तारीख 15 जून मानी जाती है, लेकिन पिछले दो-तीन साल मानसून देरी से आया। पिछले साल 27 जून को आया था और 30 सितंबर को विदा होने के बाद भी अक्टूबर मध्य तक जोरदार बारिश होती रही। इस बार भी प्रदेश में सामान्य बारिश होने के आसार हैं। वहीं देश में 96 से 104 फीसदी तक बारिश होने का अनुमान है
कहीं-कहीं औसत से भी ज्यादा बारिश हो सकती है। मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला ने बताया मध्यप्रदेश में 1 जून से 30 सितंबर तक की अवधि बारिश की मानी जाती है, लेकिन हर जिले में मानसून अलग-अलग तारीखों पर पहुंचता है। 30 मई तक केरल पहुंचने के बाद यह मध्यप्रदेश का रुख करता है। इंदौर से पहले खंडवा में 19 से 20 जून तक मानसून पहुंचेगा। खंडवा और इंदौर से मानसून विदाई की तारीख समान है।
इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून पिछले साल के मुकाबले पांच दिन पहले इंदौर में दस्तक देगा। इंदौर सेे पहले खंडवा, खरगोन में यह प्रवेश करेगा। मध्यप्रदेश के किस जिले में कब मानसून सक्रिय होगा, इसकी तारीख मौसम विभाग ने जारी कर दी। इंदौर जिले में मानसून 22 जून तक आएगा और 22 सितंबर तक विदा हो जाएगा।
पिछले साल 27 जून को आमद हुई थी। वैसे मानसून दस्तक देने की तारीख 15 जून मानी जाती है, लेकिन पिछले दो-तीन साल मानसून देरी से आया। पिछले साल 27 जून को आया था और 30 सितंबर को विदा होने के बाद भी अक्टूबर मध्य तक जोरदार बारिश होती रही। इस बार भी प्रदेश में सामान्य बारिश होने के आसार हैं। वहीं देश में 96 से 104 फीसदी तक बारिश होने का अनुमान है। कहीं-कहीं औसत से भी ज्यादा बारिश हो सकती है। मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला ने बताया मध्यप्रदेश में 1 जून से 30
सितंबर तक की अवधि बारिश की मानी जाती है, लेकिन हर जिले में मानसून अलग-अलग तारीखों पर पहुंचता है। 30 मई तक केरल पहुंचने के बाद यह मध्यप्रदेश का रुख करता है। इंदौर से पहले खंडवा में 19 से 20 जून तक मानसून पहुंचेगा। खंडवा और इंदौर से मानसून विदाई की तारीख समान है।
इस बार इंदौर के सभी प्रमुख तालाबों में भरपूर पानी हैै। मानसून आने तक इनमें काफी मात्रा में पानी उपलब्ध रहेगा। एेसे में इंदौर मेें औसत बारिश भी होती है तो सालभर सप्लाय लायक पानी उपलब्ध रहेगा। इसका फायदा 2021 तक मिलता रहेगा। 2015 में भी पानी की एेसी ही चेन बनी थी। तब 56 इंच बारिश हुई थी। इसका फायदा ये हुआ था कि 2016 में सामान्य बारिश होने पर भी तालाब लबालब थे।
इस बार इंदौर के सभी प्रमुख तालाबों में भरपूर पानी हैै। मानसून आने तक इनमें काफी मात्रा में पानी उपलब्ध रहेगा। एेसे में इंदौर मेें औसत बारिश भी होती है तो सालभर सप्लाय लायक पानी उपलब्ध रहेगा। इसका फायदा 2021 तक मिलता रहेगा। 2015 में भी पानी की एेसी ही चेन बनी थी। तब 56 इंच बारिश हुई थी। इसका फायदा ये हुआ था कि 2016 में सामान्य बारिश होने पर भी तालाब लबालब थे।