मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि बाहरी राज्यों में अभी भी करीब दो लाख हिमाचली फंसे हुए हैं। सीएम ने कहा कि सरकार सभी को चरणवद्घ तरीके से घर पहुंचाएगी। केंद्र सरकार की ओर से दूसरे राज्यों में फंसे नागरिकों को घर लाने के लिए छूट देने के आदेश के बाद जयराम सरकार ने लोगों को लाने व भेजने के लिए कमर कस ली है।
सरकार विभिन्न राज्यों में फंसे हिमाचलियों से संपर्क साधने और उन्हें लाने के लिए अलग-अलग राज्यों की सरकारों से तालमेल करने के लिए नोडल अधिकारियों की भी तैनाती करने जा रही है। इसके साथ ही सरकार ने हिमाचल में रह रहे उन सभी गैर हिमाचलियों से आवेदन मांगे हैं जो अपने-अपने राज्यों में जाना चाह रहे हैं। ऐेसे सभी लोगों को संबंधित जिले के डीसी या अपने राज्य के हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करना होगा
हिमाचल सरकार ऐसे सभी जाने व आने के इच्छुक लोगों की जानकारी अन्य संबंधित प्रदेशों की सरकारों के साथ साझा करेगी। इसके बाद ऐेसे सभी लोगों को लाने या भेजने के लिए व्यवस्था की जाएगी। प्रमुख सचिव राजस्व व लोगों को भेजने व लाने के लिए राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी के तौर पर मनोनीत ओंकार शर्मा ने बताया कि हिमाचल के काफी लोग अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं।
क्योंकि अभी सरकार के पास कोई सही डाटा नहीं है। इसलिए आईटी विभाग को कहा गया है कि वह एक वेब पोर्टल तैयार करे जहां ऐसे सभी लोग आवेदन कर सकेंगे। साथ ही हिमाचल से बाहर जाने के इच्छुक लोगों को भी जिलों के डीसी के अलावा एक केंद्रीय सूचना केंद्र में सूचना दर्ज कराने की व्यवस्था की जा रही है। इस पूरी सूचना को दर्ज करने के बाद सरकारों से संपर्क कर आगे के कदम उठाए जाएंगे।बता दें
उत्तर प्रदेश सरकार के लाखों की संख्या में अपने नागरिकों को दूसरे राज्यों से प्रदेश लाने के बाद भारी दबाव में चल रही जयराम सरकार पिछले तीन दिनों में अब तक 75 हजार से ज्यादा लोगों की बाहरी राज्यों से वापसी करा चुकी है। इनमें से ज्यादातर अपने वाहनों में ई-पास से पहुंचे हैं। इसके अलावा कोटा से 128 विद्यार्थियों समेत 139 लोगों को सरकार लेकर आई है। वहीं, एक लाख लोगों ने हिमाचल आने के लिए ई-पास का आवेदन कर दिया है। लेकिन माना जा रहा है कि अब लोगों को एक साथ सरकार लाने और ले जाने की व्यवस्था करेगी
पहले चरण में सरकार दूसरे राज्यों में फंसे विद्यार्थियों को लाने की कवायद में जुट गई है। केंद्र के निर्देश के बाद सरकार ने पंजाब और उत्तर प्रदेश सरकार के अलावा चंडीगढ़ प्रशासन से संपर्क साध लिया है। इन तीनों ही राज्यों में करीब 900 विद्यार्थी फंसे हुए हैं, जिनके पास अब पैसे न होने की वजह से स्थिति खराब है। तीनों ही राज्यों को पत्र लिखकर सरकार ने विद्यार्थियों को लाने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
सरकार ने चंडीगढ़ में फंसे 840, वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में फंसे 22 और लवली प्रोफेशन विश्वविद्यालय व जालंधर में फंसे 31 विद्यार्थियों को लाने के लिए तीनों ही जगह की सरकार व प्रशासन के संपर्क में आ गई है। पंजाब व यूपी को पत्र लिख दिया गया है और यूपी ने अपनी सरकारी बसों में 22 लोगों को भेजने की मंजूरी भी दे दी है। जालंधर से विद्यार्थियों को लाने के लिए पत्राचार जारी है। चंडीगढ़ प्रशासन से लाने के लिए संपर्क किया गया है।