परेशान मजदूरों की जान जोखिम में डालने का काम विदिशा पुलिस ने किया है। सांची रोड स्थित अग्रवाल स्कूल के पास बने पुलिस चेकिंग पॉइंट के पास बाहरी मजदूरों को ट्रकों के ऊपर बैठाकर घरों के लिए रवाना किया गया। बताया जा रहा है
कि ट्रक भोपाल की ओर गए हैं। चेकिंग प्वाइंट पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने कई मजदूरों को तीन ट्रकों के ऊपर जबरन बिठा दिया गया, जबकि ट्रक चालक यह जोखिम लेने को तैयार नहीं थे। ट्रक चालक मिट्ठू लाल का कहना था कि चिकनी त्रिपाल के ऊपर अधिक संख्या में मजदूरों को ले जाना जोखिम भरा होगा। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग नहीं दिखी। ये मजदूर पैदल घर जा रहे थे।
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राजस्थान के चितौड़गढ़ से 450 पैदल चल कर आ रहे 31 मजदूर मंगलवार को सिरोंज पहुंचे। लटेरी नाका तिराहे पर एक घंटे विश्राम करने के बाद ये लोग फिर पैदल ही झारखंड के लिए रवाना हो गए। राजस्थान के चितौड़गढ़ में सीमेंट प्लांट पर काम करने वाले 31 मजदूर पैदल चलते हुए मंगलवार दोपहर में सिरोंज के लटेरी नाका तिराहे पर पहुंचे। अधिकांश लोगों के पास भारी-भरकम बैग थे तो कईयों के पास बड़े-बडे़ झोला।
मजदूरों के समूह में शामिल विनोद सिंह ने और विजय सिंह ने बताया कि सभी चितौड़गढ़ के सीमेंट प्लांट पर काम करने के लिए कुछ महीने पहले ही गए थे। जो ठेकेदार हमें लेकर गया था। उसने लॉकडाउन लगने के बाद मजदूरी देने से मना कर दिया। वाहन नहीं मिला तो पैदल ही निकल गए। रास्ते में लोगों ने ही मदद की और खाना खिलाया। 450 किमी का सफर तय कर हम यहां आए हैं और अभी भी 800 किमी हमें और चलना है।