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तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार से कहा- हम आपके साथ हैं, तो CM बोले- हालात सुधरने दीजिए….

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि राज्य के हर ज़िले में जिला प्रशासन उनके क्षेत्र के संबंध में सुझाव लेगी और उनकी जानकारी के आधार पर कार्रवाई करेगी. नीतीश कुमार ने ये बात बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय चौधरी द्वारा आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी राजनीतिक दलों के विधायकों के साथ चर्चा में कही.

नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में विधायक दल के नेताओं के रुख को भांपते हुए कहा कि फ़िलहाल पंचायत स्तर के प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जा रहा हैं लेकिन अब जिला प्रशासन विधायकों से भी फ़ीडबैक पर करवाई करेगी. उन्होंने कहा कि बिहार मे कोरोना का संक्रमण केवल बाहर से आए हुए व्यक्तियों के कारण फैला हैंय इस बैठक में पहली बार नीतीश और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव वीडियो कांफ्रेंसिंग में आमने-सामने दिखाई दिए.

इस कार्यक्रम में तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार के स्वास्थ्य और आपदा विभाग द्वारा जारी आंकड़ों और प्रस्तुतीकरण पर सवाल उठाते हुए सरकार को कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोरोना महामारी से लड़ने में जनप्रतिनिधियों को दरकिनार किया जा रहा है. अधिकारी जनप्रतिनिधियों की सुनते नहीं है. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि राहत और बचाव कार्यों में जनप्रतिनिधियों की सेवा ली जाए ताकि अधिकारी मनमानी ना कर सके.

उन्होंने कहा कि इसमें  रहना चाहिए. तेजस्वी ने कहा कि जनप्रतिनिधियों पर विश्वास कर उन्हें महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी दी जाए. नेता प्रतिपक्ष के सुझाव का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी देने का आश्वासन दिया है.

तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार एक अनुभवी मुख्यमंत्री हैं. कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हम आपके साथ हैं. इस पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हम अभी बाहर नहीं जा सकते, क्योंकि यह नियमों का उल्लंघन होगा. हालात सुधरने दीजिए तब आप मेरे साथ स्थिति का जायज़ा लेने चलिएगा. नीतीश कुमार ने कहा कि हम जनता के बीच जायेंगे, तब आप चाहें तो मेरे साथ चल सकते हैं.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार सरकार राज्य में कोरोना की कम संख्या को लेकर अपनी पीठ ना थपथपाए. जब बिहार में कोरोना की जांच ही सबसे कम हो रही है तो ज़ाहिर है मामले भी कम ही होंगे. दूसरे राज्यों में अधिक जांच हो रही है

इसलिए वहां अधिक मामले सामने आ रहे हैं. बिहार में औसतन 1200 से 1300 ही जांच हो रही है जबकि प्रतिदिन इसे बढ़ाकर 3000 से 5000 करना चाहिए. बिहार में विगत 60 दिनों में अब तक कुल 28345 ही जांच हुई हैय अर्थात् औसतन 10 लाख लोगों पर केवल 224 लोगों की ही जांच हो रही है.

तेजस्वी यादव ने सरकार को सुझाव दिया कि हर कमीशनरी में कोरोना समर्पित अस्पताल संचालित करने चाहिए. रेंडम जांच की व्यवस्था भी होनी चाहिए. जब बिना लक्षण के ही लोग कोरोना पॉज़िटिव पाए जा रहे है तो फिर डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग का ज़्यादा महत्व नहीं रह जाता. इसलिए प्रदेश में जांच की संख्या हर हाल में बढ़ाई जाए. उन्होंने बताया कि नोडल अधिकारियों के नंबर बंद है. हेल्पलाइन सीमित है. पंजीकरण पोर्टल का लिंक डाउन है. मदद के लिए जारी किए गए लैंडलाइन नंबर लगते नहीं है, और जब लगते हैं तो अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाता हैं.

इसमें मेरा एक सुझाव और सरकार से निवेदन है की अप्रवासियों की परेशानियों को देखते हुए IVR सिस्टम वाले टेलीफ़ोन नंबर जारी करे ताकि लोग अपनी विवरणी कॉल के माध्यम से दर्ज कर सकें. उन्होंने कहा कि ज़्यादातर मज़दूर भाई कम पढ़े लिखे हैं इसलिए उनको ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में दिक़्क़त हो रही है. इसके अलावा वेबसाइट खुल भी नहीं रही है. दक्षिण भारत में फंसे अप्रवासियों के लिए भाषा भी एक बाधा है.

नेता प्रतिपक्ष ने केंद्रीय गृह सचिव के 3 मई के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र सरकार के नए आदेश से बिहारी अप्रवासी मज़दूर भाईयों की वापसी में अड़चन पैदा होगी. बिहार की डबल इंजन सरकार इस आदेश में तब्दीली करवाएं वैसे भी सरकार कहती है कि केंद्र सरकार इनकी हर मांग को मानती है.

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार से पूछा कि वह बताएं कि बिहार के श्रमवीर कब तक वापस आएंगे? कितने दिन में वापस आएंगे और कितनी ट्रेनों में वापस आएंगे. उन्होंने आंकड़ा देकर बताया की भारतीय रेलवे के पास 12000 से अधिक रेलगाड़ियां हैं और सारी अभी ख़ाली खड़ी है. बिहार सरकार क्यों नहीं ज्यादा से ज्यादा संख्या में उन रेलगाड़ियों से बिहारीवासियों को जल्द से जल्द वापस बुलवाती? उन्होंने अप्रवासी मज़दूर भाईयों को यात्रा से पहले किराया देने का आग्रह किया.

नेता प्रतिपक्ष ने राजद द्वारा 14 मार्च से किए जा रहे निरंतर जनसहयोग, राहत सामग्री और बाहर फंसे प्रवासियों को दी जा रही मदद से भी सरकार को अवगत कराया. उन्होंने राशन वितरण में हो रही धांधली का भी ज़िक्र किया. तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार से अपील की कि केंद्र सरकार से जो मदद अथवा असहयोग मिल रहा है उसकी जानकारी भी पब्लिक डोमेन में सरकार द्वारा अवश्य जारी की जानी चाहिए ताकि सबको पता लगे कि केंद्र सरकार का बिहार को लेकर क्या रवैया है?

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