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अब 2000 से ज्यादा लोगों को 1 दिन में नहीं मिलेगा हिमाचल में प्रवेश..

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हिमाचल में बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों पर कड़ी नजर रखने के लिए अब एक दिन में प्रदेश में दो हजार से ज्यादा लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के चलते बढ़े संक्रमण फैलने के खतरे को देखते हुए सरकार ने सख्ती बरतने का फैसला लिया है। शुक्रवार को देश के विभिन्न राज्यों से 1650 लोगों की घर वापसी होगी। दूर के प्रदेशों से लोगों को रेल के माध्यम से लाने के लिए ऊना में केंद्रीकृत स्टेशन बनाया जाएगा।

ऊना से एचआरटीसी की बसों के माध्यम से पूरी जांच पड़ताल करने के बाद लोगों को उनके घरों में पहुंचाया जाएगा। रेड जोन क्षेत्रों से आने वाले लोगों को अब सीधे घर भी नहीं भेजा जाएगा। इन्हें सरकार की ओर से बनाए गए संस्थागत क्वारंटीन केंद्रों में रखा जाएगा। उधर, कोविड ई-पास पोर्टल पर हिमाचल आने और यहां से जाने वाले एक लाख लोगों ने पंजीकरण करवा दिया है।

नोडल अफसरों की टीमें अब सभी संबंधित राज्यों की सरकारों से लोगों के आने-जाने की व्यवस्था बनाने में जुट गए हैं। प्रधान सचिव राजस्व और आपदा प्रबंधन ओंकार शर्मा ने यह जानकारी दी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार छह हजार लोग महाराष्ट, आठ हजार हरियाणा, तीन हजार चंडीगढ़, सात हजार दिल्ली, दो हजार गोवा, तीन हजार यूपी, दो हजार गुजरात, एक हजार बिहार, एक हजार राजस्थान, एक हजार कर्नाटक, 700 मध्य प्रदेश, 800 पश्चिम बंगाल सहित कई अन्य राज्यों में फंसे हजारों लोगों ने अपनी पंजीकरण कोविड ई-पास पोर्टल पर करवा दिया है। कई राज्यों की सरकारें अपने यहां फंसे लोगों को हिमाचल भेजने के लिए अभी तैयार भी नहीं हैं। राज्यों की अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने के लिए कई राज्य लोगों को वापस भेजने की हामी नहीं भर रही है।

सभी राज्यों से लोगों को वापस लाने के लिए बातचीत चल रही है। रेलवे से भी दूर के राज्यों से लोगों को लाने के लिए अधिकारी पत्राचार जारी रखे हुए हैं। प्रधान सचिव ओंकार शर्मा ने बताया कि प्रदेश में बीते चार-पांच दिन से पांच से छह हजार लोग ही आए हैं। सरकार ने जांच के लिए रेंडम सैंपलिंग बढ़ा दी है। 1920 लोग बुधवार को आए थे। शुक्रवार को 1650 लोग आएंगे। इनकी जांच के बाद ही प्रवेश मिलेगा उन्होंने रेड जोन से रहने वाले लोगों से फिलहाल वहीं बने रहने की अपील की है। फिर भी अगर ऐसे लोग आते हैं तो उन्हें संस्थागत क्वारंटीन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी तक प्रदेश में करीब 70 हजार लोग आ चुके हैं।

सचिव राजस्व और आपदा प्रबंधन ओंकार शर्मा ने नोडल अफसरों के लिए खरीदे गए मोबाइल फोन को लेकर सोशल मीडिया पर हो रही विभिन्न चर्चाओं पर दुख जताया है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने दूरसंचार सेवाओं को सुदृढृ करने के लिए एनडीएमए के तहत पैसा जारी किया था। किन्हीं कारणों से खरीद नहीं हो सकी। अब वैश्विक महामारी से निपटने के लिए इस फंड से करीब सवा दो लाख रुपये खर्च कर नोडल अफसरों को उच्च तकनीक वाले 16 मोबाइल फोन दिए गए हैं। हालात सामान्य होते ही इन फोन को वापस लेकर आपदा प्रबंधन के पास रख लिया जाएगा।

आधारहीन आरोप लगाने वालों से की साथ काम करने की अपील
ओंकार शर्मा ने सोशल मीडिया पर चर्चाएं करने वाले लोगों से 10 दिन तक उनके साथ काम करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर किसी को लगता है कि अधिकारी मौज-मस्ती कर रहे हैं तो हमारे साथ सहयोग करने के लिए आगे आएं। ओंकार शर्मा ने कहा कि सोशल मीडिया पर इस तरह की ब्यानबाजी से दुख होता है। विभागीय अधिकारी बीते डेढ़ माह से दिन रात पूरी निष्ठा से अपना काम कर रहे हैं। उन्होंने बाहरी राज्यों से लोगों को बुलाने का विरोध करने वालों से सवाल पूछा है कि अगर आपका कोई परिजन फंसा होता तो क्या उन्हें भी नहीं लाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि बाहर फंसे लोग भी हमारे हैं। सभी लोगों को संवेदनशील होने की जरूरत है।

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