मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के बाहर फंसे श्रमिकों से अपील करते हुए गुरुवार को कहा कि वह पैदल चलकर अपने घर के लिए नहीं निकलें, उनको वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश के हर मजदूर को वापस लाया जाएगा। सीएम ने यह बात ट्रेन हादसे के बाद कही है। औरंगाबाद में रेल की पटरी पर सो रहे मध्य प्रदेश के 16 मजदूरों की शुक्रवार तड़के मालगाड़ी से कटने से मौत हो गई है।
सीएम शिवराज ने ट्वीट कर कहा- श्रमिकों को लाने की प्रक्रिया लगातार चल रही है। इसमें थोड़ी देर लग सकती है, लेकिन हम सब को वापस लाएंगे।औरंगाबाद में हुए रेल हादसे में मध्य प्रदेश के 16 मजदूरों की मौत हो गई है। इसमें ज्यादातर मजदूर शहडोल और उमरिया जिले के निवासी हैं।
शहडोल जिले के निवासी : धनसिंग गोंड, निरवेश सिंग गोंड, बुद्धराज सिंग गोंड, रविन्द्र सिंग गोंड, सुरेश सिंग कौल, राजबोहरम पारस सिंग, दिपक सिंग, श्रीदयाल सिंग और धर्मेंद्रसिंग गोंड शामिल हैं।
उमरिया जिले के निवासी : अच्छेलाल सिंग, बिगेंद्र सिंग, प्रदीप सिंग गोंड, संतोष नापित, मुनीम सिंग, ब्रिजेश और नेमशाह सिंग शामिल हैं।
मध्य प्रदेश के 80 हजार मजदूरों को वापस लाया जा चुका
मुख्यमंत्री ने कहा- धैर्य रखें और मुझ पर भरोसा रखें। मैं हमेशा आपके साथ था, हूं और रहूंगा। आप जहां हो, वहीं रहें। कृपया, पैदल चल कर न आएं और हमसे जल्द से जल्द संपर्क करें। देश के पंजीकृत श्रमिकों को एसएमएस के द्वारा भी संदेश भेजे जा रहे हैं।
अब तक हम करीब 80 हजार मजदूरों को वापस ला चुके हैं। हम देश के हर राज्य के अखबारों में विज्ञप्ति जारी कर रहे हैं। सोशल मीडिया द्वारा उन तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। प्रदेश के सभी विधायक लगातार उनके सम्पर्क में लगे हुए हैं। चौहान ने कहा कि उनके लिए प्रदेश में एक कॉल सेंटर लगा कर टोल फ्री नम्बर 0755-2411180 भी जारी किया है।
गुरुवार और आज सुबह ट्रेनों से लाए जा चुके करीब 4600 मजदूर
मध्य प्रदेश सरकार ने हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली-नोएडा के साथ ही शुक्रवार को सुबह औरंगाबाद से 1200 मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन रायसेन के ओबेदुल्लागंज पहुंची।
वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मजदूरों को बसों से उनके जिलों के लिए रवाना किया जा रहा है। इसके पहले गुरुवार को हैदराबाद से कटनी 997 मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन आई, भोपाल में मुंबई के पनवेल से करीब 1200 श्रमिक और दिल्ली से करीब 1200 मजदूरों को लेकर एक स्पेशल ट्रेन छतरपुर रात को 8 बजे आई थी।