वैसे तो लॉकडाउन 17 मई को खत्म होने वाला है लेकिन इससे पहले ऑटो कंपनियों ने शर्तों के साथ कुछ प्लांट में प्रोडक्शन शुरू कर दिया है. इसी के तहत देश की जानीमानी कंपनी हुंडई मोटर इंडिया ने चेन्नई प्लांट में परिचालन शुरू किया है. परिचालन शुरू करने के पहले दिन इस प्लांट में 200 कारों का उत्पादन हुआ. यहां बता दें कि लॉकडाउन के तीसरे चरण में इंडस्ट्रीज को कुछ ढील दी गई है. यही वजह है कि ऑटो कंपनियों ने कामकाज शुरू किया है.
क्या कहा कंपनी ने?
हुंडई ने बयान में बताया कि कंपनी के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में सुरक्षा और सोशल डिस्टेंसिंग दिशा-निर्देशों का 100 प्रतिशत पालन किया जा रहा है. कंपनी के मुताबिक सरकार कोरोना वायरस की वजह से संकट में आई अर्थव्यवस्था को उबारने का प्रयास कर रही है. ऐसे में मैन्युफैक्चरिंग परिचालन शुरू होने से कंपनी आर्थिक गतिविधियों में योगदान दे पाएगी.
23 मार्च से लगा था ताला
कोरोना वायरस महामारी के कारण हुंडई मोटर्स के प्लांट 23 मार्च से बंद थे. वहीं लॉकडाउन की वजह से अप्रैल में कंपनी की घरेलू बाजार में एक भी वाहन नहीं बिका. जबकि इस दौरान हुंडई ने 1341 यूनिट वाहन निर्यात किए. कंपनी को उम्मीद है कि 17 मई के बाद धीरे-धीरे ऑटो मार्केट में रौनक लौटेगी.
इस बीच, दोपहिया क्षेत्र की प्रमुख कंपनी यामाहा मोटर इंडिया ग्रुप (वाईएमआईजी) के कर्मचारियों ने कोरोना वायरस से लड़ाई मेें अपने एक दिन के वेतन का योगदान दिया है. वाईएमआईजी ने एक बयान में कहा कि कंपनी के तीन प्लांट- कांचीपुरम (तमिलनाडु), सूरजपुर (उत्तर प्रदेश) और फरीदाबाद (हरियाणा) के स्थायी कर्मचारियों, प्रशिक्षुओं और अन्य कार्यालयों के कर्मचारी मदद के लिए आगे आए हैं.
इन्होंने अपने अप्रैल माह के वेतन से 61.5 लाख रुपये कोविड-19 से लड़ाई के लिए दिए हैं. इसमें 25-25 लाख रुपये तमिलनाडु के मुख्यमंत्री सार्वजनिक राहत कोष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में दिए गए हैं. शेष 11.5 लाख रुपये प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष (पीएम-केयर्स) में दिए गए हैं.