Home हिमाचल प्रदेश 31 मई तक बंद रहेंगे स्कूल कॉलेजों में 10 जून तक छुट्टियां...

31 मई तक बंद रहेंगे स्कूल कॉलेजों में 10 जून तक छुट्टियां देने की तैयारी…

9
0
SHARE

हिमाचल के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित हुई शिक्षा विभाग की बैठक में बड़े फैसले लिए गए हैं। कोरोना वायरस से बचाव के लिए हिमाचल के सरकारी और निजी स्कूलों को अभी खोलने का सरकार जोखिम नहीं उठाना चाहती है। ऐसे में स्कूलों को 31 मई तक बंद रखने का फैसला लिया गया है।

कॉलेजों में 25 मई से होने वाली छुट्टियों को 18 मई से 10 जून तक देने का विचार है। इन छुट्टियों के समाप्त होते ही कॉलेजों में परीक्षाएं शुरू होंगी। शिक्षा विभाग ने 17 मई को लॉकडाउन समाप्त होने के बाद शैक्षणिक गतिविधियां शुरू करने के लिए एक्जिट प्लान तैयार कर लिया है। 13 मई को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए रखा जाएगा।

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सोमवार को सचिवालय में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा कर मंत्रिमंडल की बैठक में पेश करने के लिए एक्जिट प्लान का प्रस्ताव तैयार किया। शिक्षा मंत्री ने बताया कि अभी स्कूलों को नहीं खोला जाएगा। 31 मई तक स्कूल बंद रखने की योजना है। सार्वजनिक परिवहन शुरू होने के बाद स्कूलों को जून में चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा। हालांकि, स्कूलों में पढ़ाई शुरू करने के लिए आगामी दिनों में पूरा प्लान तैयार किया जाएगा।

प्रदेश के निजी स्कूलों की फीस कम करने के मामले पर मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा होगी। अभिभावकों के सुझाव आने के बाद अब निजी स्कूलों ने भी सरकार को अपना मांगपत्र सौंपा है। प्रदेश के कुछ निजी स्कूलों ने सरकार को अपनी खराब आर्थिक स्थिति का हवाला देकर फीस कम नहीं करने की मांग की है। सभी पक्षों के सुझाव और आपत्तियां आने के चलते अब शिक्षा विभाग ने दोबारा से इस बाबत मंथन शुरू कर दिया है।

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस संदर्भ में विस्तृत प्रस्ताव लाने को कहा है। निजी स्कूलों ने भी अपने स्टाफ को वेतन देना है। इस वैश्विक महामारी के दौर में किसी भी वर्ग पर बहुत अधिक आर्थिक बोझ न पड़े। इन सभी चीजों पर विचार करने के बाद ही आगामी फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निजी स्कूल भी कई तरह के हैं। कुछ स्कूलों में फीस सामान्य है जबकि कुछ में फीस अधिक है। ऐसे में सभी पक्षों को ध्यान में रख कर योजना बनाई जा रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here