प्रदेश में निदेशक कृषि विपणन का नया पद सृजित किया जाएगा। प्रदेश में मंडियों से बाहर फलों और सब्जियों की बिक्री के लिए निजी मंडियां खोलने और उनके संचालन पर निगरानी रखने का जिम्मा नए निदेशक पर रहेगा।
यह निदेशक सीधे कृषि सचिव के अधीन कार्य करेगा। निजी मंडियों से संबंधित विवाद भी नए निदेशक के पास जाएंगे। बुधवार को कैबिनेट में इस पर फैसला लिया गया। प्रदेश कृषि विपणन एक्ट में सरकार संशोधन के लिए अध्यादेश लाएगी। बोर्ड अध्यक्ष कृषि मंत्री नहीं बन पाएगा, क्योंकि तकनीकी कारणों से बाधा उत्पन्न हुई है।
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मंत्री को अगर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया जाता तो बोर्ड के फैसलों की फाइल विभाग के सचिव के पास स्वीकृति को भेजी जाती है। जबकि विभाग के सचिव अपनी फाइलें संबंधित मंत्री के पास भेजता है। जबकि सचिव मंत्री के अधीन कार्य करता है।
ऐसी स्थित में मंत्री के बोर्ड का अध्यक्ष बनना संभव नहीं था। एक्ट में संशोधन के बाद मंडियों से बाहर निजी मंडियों खोलने और विवाद सुलझाने के लिए निदेशक कृषि विपणन को दायित्व सौंपा जाएगा।
प्रदेश में कोल्ड और सीए स्टोरों को मंडियों का दर्जा दिया जा सकेगा, जबकि अभी तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। इन सीए स्टोर को मंडियों को दर्जा मिलने से किसान अपनी फसलें सीधे बेच सकेंगे और खरीददार यहां से भी माल खरीद सकेंगे।
इसके अलावा प्रदेश के किसानों और बागवानों से खरीदार सीधे फसलें खरीद सकेंगे। अभी तक किसानों और बागवानों को अपनी फसलें बेचने के लिए एपीएमसी की मंडियों में जाकर ही बेचना पड़ता था