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युवराज सिंह ने विक्रम राठौड़ पर कसा तंज, बोले- जिसने कभी टी-20 नहीं खेला वो क्या खिलाड़ियों को सिखाएगा….

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भारत के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने इंस्टाग्राम लाइव के दौरान कई बातों पर अपनी राय दी. खासकर युवी ने नए बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ (Vikram Rathour) पर तंज कसते हुए कहा कि जिसने कभी टी-20 मैच नहीं खेले हैं वो कैसे खिलाड़ियों की मदद टी-20 क्रिकेट में कर सकता है. बता दें कि हाल ही में विक्रम राठौड़ भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाजी कोच बने हैं.

राठौड़ को संजय बांगड़ की जगह भारतीय क्रिकेट टीम का नया बल्लेबाजी कोच नियुक्त किया गया. राठौड़ ने अपने इंटरनेशनल करियर में 6 टेस्ट और 7 वनडे मैच खेले हैं. युवराज ने कहा कि हर एक खिलाड़ियों के साथ उनके स्वभाव को साथ लेकर उनके सामने पेश आना चाहिए. यदी मैं कोच होता तो जसप्रीत बुमराह  को रात नौ बजे गुडनाइट कह देता तो वहीं हार्दिक पंड्या  के साथ रात में 10 बजे ड्रिंक्स के लिए बाहर ले जाता.

युवी ने कहा कि अलग-अलग लोगों से अलग तरह से पेश आना पड़ता है. युवराज सिंह ने इसके अलावा कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) को लेकर भी बात की और कहा कि मुझे नहीं पता कि उनकी कोचिंग कैसी है और वो क्या कर रहे हैं. उनके पास शायद दूसरे भी काम हैं. युवी ने आगे कहा कि मैं हमेशा से कहते आया कि आपका चयनकर्ता फैसले को चुनौती देने वाला होना चाहिए. आप किसी को यह नहीं कर सकते हैं

जाओ और खुलकर बल्लेबाजी करो. आप ये शायद सहवाग को कह सकते हैं लेकिन दूसरे खिलाड़ियों के साथ ऐसा संभव नहीं है. यह पुजारा जैसे खिलाड़ियों के साथ नहीं चलेगा. मुझे लगता है कि कोचिंग स्टाफ को सतर्क रहकर इन सभी बातों पर फोकस करना चाहिए.

चैट के दौरान युवी ने टी-20 इंटरनेशनल में सबसे तेज अर्धशतक का रिकॉर्ड हार्दिक तोड़ सकते हैं. उसके पास ऐसा करने की क्षमता है. युवी को उम्मीद है कि हार्दिक एक बेहतरीन ऑलराउंडर बनकर भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाएंगे. युवी ने 2019 वर्ल्डकप में चयनकर्ताओं के टीम चयन पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि आपके चयनकर्ताओं ने सिर्फ चार-पांच मैच वनडे मैच खेले हों, तो उनकी मानसिकता उसी तरह की होगी.

इसके अलावा युवी ने 2014 वर्ल्ड टी-20 फाइनल को लेकर अपनी यादें ताजा की और कहा कि उस समय फैन्स उन्हें विलेन समझ बैठे थे. उनके करियर का वह समय बेहद ही निराशाजनक रहा है. युवा ने कहा कि श्रीलंका के खिलाफ फाइनल में 21 गेंद पर केवल 11 रन ही बना पाया था. मैं फाइनल में मिली हार की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं.

हालांकि श्रीलंकाई गेंदबाजों ने अच्छी गेंदबाजी की थी, सिर्फ मैं ही नहीं बल्कि दूसरे बल्लेबाज भी बल्लेबाजी करने में संघर्ष कर रहे थे. लेकिन मीडिया और फैन्स ने मुझे ही निशाना बनाया. चंडीगढ़ स्थित मेरे घर में पत्थर भी फेंके गए थे. जब मैं घर आया तो मैंने भारतीय कैप देखी और उस गेंद को भी देखी जिसपर मैंने 6 छक्के जमाए थे. फिर मैंने अनुभव किया कि मेरा समय खत्म हो गया है.

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