कोरोना से जंग में भोपाल प्रदेश के दूसरे शहरों से काफी आगे निकल चुका है। भोपाल में कोरोना संदिग्धों के सैंपलिंग की दर प्रदेश के दूसरे शहरों से तीन गुना अधिक हो गई है। राजधानी में प्रति एक लाख आबादी पर टेस्ट की संख्या 852.5 पहुंच गई है।
लॉकडाउन-3 खत्म होने से पहले यह प्रति लाख एक हजार के टारगेट के पूरा कर लेगी। प्रदेश में कोरोना के सबसे बड़े हॉट-स्पॉट बने इंदौर में अब तक प्रति एक लाख आबादी पर टेस्ट की संख्या 379.9 पर ही पहुंच सकी है।
जबकि प्रदेश में प्रति लाख आबादी पर टेस्ट की संख्या सिर्फ 89.3 ही है। इंदौर में अब तक 17 हजार 755 लोगों के सैंपल लिए गए हैं, इनमें से 16 हजार 89 लोगों की है टेस्टिंग हो पाई है। भोपाल में अब तक कुल 28 हजार 75 लोगों की सैंपलिंग की गई है, जिसमें से 25 हजार 359 लोगों की टेस्ट रिपोर्ट आ चुकी हैं।
प्रदेश में कोविड टेस्टिंग की क्षमता बढ़ाने के लिए भोपाल व इंदौर में दो अमेरिकी टेस्टिंग मशीनें स्थापित की जाएगी। रोशे कोबास कंपनी की नौ मशीनें केंद्र खरीद रही है। इनमें से एक मशीन मप्र को मिलेगी। जबकि एक अन्य मशीन प्रदेश सरकार कंपनी से खरीदेगी। एक मशीन की कीमत करीब साढ़े छह करोड़ रुपए है।
प्रत्येक मशीन की क्षमता प्रतिदिन तीन-तीन हजार टेस्ट की है। कोबास एनलाइजर स्थापित होने से यह क्षमता लगभग नौ हजार टेस्ट रोज की हो जाएगी। इस तरह से परिणाम जल्दी अाएंगे अाैर संक्रमिताें काे उपचार भी जल्दी शुरू हाे सकेगा। इनको स्थापित करने की प्रक्रिया दो महीने में पूरी हो जाएगी।