शनि इस समय अपनी उल्टी चाल रहे हैं. 11 मई से शनि मकर राशि में वक्री हो चुके हैं. शनि जब भी वक्री होते हैं तो सभी पर प्रभाव डालते हैं. जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही है उन लोगों की मुसीबतें बढ़ सकती है. इसलिए शनि का उपाय बहुत जरूरी हो जाता है.
ऐसे करें पूजा
शनिवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद पूजा स्थान को शुद्धि करें. भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा करें. हनुमान चालीसा का पाठ करें. पूजा के बाद शनि से संबंधित दान करें. शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
शनि की साढ़ेसाती धनु, मकर और कुंभ राशि पर है. वहीं मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या है. इसलिए इन राशि वालों को विशेष ध्यान देने की जरुरत है.
अशुभ होने पर देते हैं ये फल
शनि जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को कई तरह की परेशानियां देते हैं. शनि जब अशुभ होते हैं तो इसका पता इन लक्षणों से लगाया जा सकता है. शनि खराब होने पर कार्य में बाधा पहुंचाते हैं. धनहानि कराते हैं. अपयश प्रदान करते हैं. दुर्घटना और कोर्ट कचहरी से जुड़ी परेशानियां देते हैं.
गंभीर रोग भी प्रदान करते हैं
खराब होने पर शनि व्यक्ति को गंभीर रोग भी प्रदान करते हैं. पिता से संबंध खराब करा देते हैं. घुटनों से नीचे पैरों की समस्या दे सकते हैं. भ्रमण कराते हैं. व्यापार में नुकसान भी कराते हैं. पुराने कर्मचारी साथ छोड़ देते हैं.
इन बातों का ध्यान रखें
शनि एक न्याय प्रिय ग्रह हैं. शनि व्यक्ति को इसी जन्म में उसके अच्छे और बुरे कर्मों का फल प्रदान करते हैं. इसलिए जो व्यक्ति गलत कार्य करते हैं उन्हें शनि बहुत परेशान करते हैं. शनि की अशुभता से बचने के लिए गरीबों की मदद करनी चाहिए, अनाथ बच्चों की सहायता करने से भी शनि प्रसन्न होते हैं. कुष्ट रोगियों की सेवा करने से भी शनि की अशुभता दूर होती है.
शनि का मंत्र
ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्.