वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज की पांचवी और अंतिम किस्त की जानकारी आज 11 बजे प्रेस कांफ्रेंस में देंगी. पिछले 4 दिनों से वह लगातार इस पैकेज से जुड़ी जानकारियां दे रही हैं. शनिवार को वित्त मंत्री ने चौथी किस्त का ऐलान किया जिसमें कोयला, रक्षा विनिर्माण, विमानन, अंतरिक्ष, बिजली वितरण आदि क्षेत्रों में रिफॉर्म पर जोर रहा.
बता दें कि प्रधानमंत्री ने कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज इसी पैकेज की पांचवीं किस्त का ब्योरा देंगी. पैकेज की चौथी किस्त की मुख्य बातें:
रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में स्वत: मंजूरी मार्ग से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत की जाएगी. ऐसे हथियारों और प्लेटफॉर्म की सूची जारी की जायेगी, जिनका आयात प्रतिबंधित होगा. इन्हें भारत में ही खरीदा जा सकेगा. यात्री उड़ानों के लिये भारतीय वायु क्षेत्रों पर लगी पाबंदियों में ढील दी जायेगी, इससे ईंधन और समय की बचत होगी. पाबंदियों में ढील से विमानन क्षेत्र को एक साल में एक हजार करोड़ रुपये का लाभ होगा.
12 हवाई अड्डों में निजी कंपनियों से 13 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश मिलेगा.कोयला क्षेत्र में निजी कंपनियों को वाणिज्यिक खनन का अधिकार मिलेगा। सरकार का एकाधिकार समाप्त होगा. क्षेत्र में उतरने के प्रावधान सरल किये जायेंगे, तत्काल नीलामी के लिये करीब 50 ब्लाक पेश किये जायेंगे.
केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का निजीकरण किया जायेगा.अस्पतालों समेत सामाजिक बुनियादी संरचना के विकास में वीजीएफ में सरकार की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत, इससे 8,100 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
उपग्रहों, प्रक्षेपणों और अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं समेत भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में निजी कंपनियों को भगीदारी के अवसर मिलेंगे.
कैंसर एवं अन्य बीमारियों के किफायती उपचार के लिये पीपीपी आधार पर अनुसंधान नाभिकीय संयंत्र बनाये जायेंगे.
आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त के ऐलान पर पीएम मोदी ने कहा कि सरकार द्वारा घोषित आर्थिक उपायों से कारोबार के अवसर बढ़ेंगे और अर्थव्यवस्था का कायाकल्प करने में मदद मिलेगी. पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को जो घोषणाएं की हैं उनमें कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों मसलन कोयला, खनिज, रक्षा, विमानन, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा को शामिल किया गया है.