अपरा एकादशी व्रत एक पवित्र और बहुत शुभ फल प्रदान करने वाला व्रत माना गया है. इस व्रत की महिमा अपार है. जिन लोगों के जीवन में रोग, आर्थिक संकट या फिर नौकरी में किसी भी प्रकार की बाधा बनी हुई उनके लिए अपरा एकादशी का व्रत बहुत ही उपयोगी माना गया है.
एकादशी का व्रत कठोर नियमों वाला व्रत माना गया है. एकादशी के व्रत में विधि विधान का विशेष महत्व है. मान्यता है कि विधि विधान से किए गया व्रत ही मान्य होता है इसका फल बहुत जल्द प्राप्त होता है.
सुबह स्नान के बाद पूजा स्थान का शुद्धिकरण करें. इसके बाद भगवान विष्णु को पीले वस्त्र पहनाए और पुष्प,फल और मिष्ठान का भोग लगाएं. इसके बाद विष्णु भगवान की आरती करें.
एकादशी तिथि: 17 मई 2020, दोपहर 12 बजकर 42 मिनट से आरंभ
एकादशी तिथि समाप्त: 18 मई 2020, दोपहर 03 बजकर 8 मिनट तक
पारण का समय: 19 मई 2020, सुबह 5 बजकर 28 मिनट से सुबह 8 बजकर 12 मिनट तक
व्रत की मान्यता
एकादशी का व्रत हर प्रकार की बाधा को दूर करता है. यह व्रत मोक्ष प्रदान करने वाला माना गया है. लक्ष्मी की कृपा के लिए भी यह व्रत बहुत उपयोगी माना गया है.
इन बातों का ध्यान रखें
यह बहुत नियम से किया जाने वाला व्रत है. इसमें स्वच्छता और संयम का विशेष ध्यान रखा जाता है. इस दिन क्रोध न करें और किसी भी जीव की हत्या न करें. मन में शुद्ध विचार रखें. किसी की बुराई न करें और न ही अहित करने का विचार मन में लाएं.