हिमाचल में मार्च और अप्रैल में बने सैनिटाइजर और खांसी-जुकाम समेत 36 दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) के ड्रग अलर्ट के बाद फेल दवाओं के बैच मार्केट से हटाने के निर्देश देकर प्रदेश के 20 उद्योगों को नोटिस जारी किए गए हैं।
सहायक राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने इसकी पुष्टि की है। अप्रैल माह में देशभर की 460 दवाओं का परीक्षण किया गया है, जिसमें से 401 दवाएं मानकों पर खरा उतरी हैं, जबकि 59 दवाएं फेल हो गई हैं। इनमें सूबे के 12 उद्योगों की 23 दवाएं भी शामिल हैं।
फेल दवाओं में हाई बीपी, हृदय रोग, दर्द निवारक, एलर्जी, मधुमेह, खांसी-जुकाम, संक्रमण, गैस्ट्रिक, हैंड सैनिटाइजर व शैंपू शामिल है। मार्च माह में 1673 दवाओं के परीक्षण में 1627 दवाएं पास हुई हैं, जबकि 46 दवाएं फेल हुई हैं। इनमें सूबे के आठ उद्योगों की 13 दवाएं फेल हुई हैं, जो बुखार, अस्थमा, खांसी-जुकाम, संक्रमण, गैस्ट्रिक व बीपी के उपचार में काम आती हैं।
एशिया की 45 फीसदी दवा निर्यात करने वाले हिमाचल प्रदेश में करीब 750 फार्मा उद्योग हैं। जनवरी माह में देशभर में लिए गए सैंपलों में से फेल हुई 34 दवाओं में सूबे के उद्योगों की चार और फरवरी माह में 38 में से छह दवाएं फेल हो चुकी हैं। सरकार दवाओं की गुणवत्ता को लेकर फटकार भी लगा चुकी है लेकिन सैंपल फेल होने का सिलसिला नहीं थम रहा।