Home मध्य प्रदेश बुरहानपुर में 42 नए केस मिलने से अब 195 संक्रमित…

बुरहानपुर में 42 नए केस मिलने से अब 195 संक्रमित…

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सोमवार को बुरहानपुर में 42 नए संक्रमित पाए गए। जिले में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 195 हो गई है। सोमवार को 19 लोग ठीक होकर घर लौट गए। इनमें 16 महीने का निहितराज और उसकी मां अभिलाषा सिंह भी शामिल हैं। अभिलाषा निर्दलीय विधायक ठाकुर सुरेंद्रसिंह के संक्रमित बड़े भाई राजेंद्र सिंह की बहू और निहितराज उनका पोता है।

अभिलाषा ने कहा कि खुद से ज्यादा बेटे की चिंता थी। बंद कमरे में रहना सबसे बड़ी चुनौती थी।खरगोन में 11 नए मरीज मिले, इनमें 8 महेश्वर केसोमवार शाम को आई रिपोर्ट में महेश्वर के एक ही परिवार के 8, गोगावां के 2 व शहर के न्यू काजीपुरा का 1 मरीज पॉजिटिव मिला है। महेश्वर के परिवार के कुछ लोग इंदौर के मल्हारगंज कंटेनमेंट एरिया से बिना सूचना के आए थे। सोमवार को उज्जैन जिले में 21 पॉजिटिव मिले हैं। ग्वालियर में 8 तथा भिंड, मुरैना में 4-4 पॉजिटिव मिले हैं।

खंडवा में कुल मरीजों में 32% सिंधी कॉलोनी के
सोमवार को 21 पॉजिटिव मिले। इसके एक दिन पहले भी 69 पॉजिटिव मरीज मिले थे। जिले में मरीजों की संख्या बढ़कर 187 हो गई है। वहीं, इंदौर में भर्ती खंडवा निवासी एक कोरोना पॉजिटिव ने दम तोड़ दिया। कोरोना का हॉटस्पॉट बन चुके सिंधी कॉलोनी में तीन नए मरीज मिलने के बाद यहां पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 60 हाे गया है। यानी जिले में कुल मरीजाें में से 32 प्रतिशत यहीं के हैं।

मां की मौत; 10 दिन से क्वारेंटाइन 4 बेटे कांधा भी न दे सके
कुलकर्णी भट्टा में रहने वाली 70 साल की सागरदेवी की रविवार रात मृत्यु हो गई। परिवार के 51 सदस्यों को एक गार्डन में क्वारेंटाइन किया गया था। स्वास्थ्य विभाग से सोमवार 12 बजे तक मौत की सूचना ही नहीं मिली। रिश्तेदारों ने खबर दी।

क्वारेंटाइन सेंटर से बच्चों ने डाॅक्टर्स को फोन लगाकर बताया कि हमारी मां चल बसी है। क्रियाकर्म के लिए श्मशान भेजाे। एमआरटीबी अस्पताल इंचार्ज डॉ. सलिल भार्गव ने बताया कि परिजन ने जो नंबर लिखवाया था, उस पर सूचना दी गई थी लेकिन बताया गया कि नंबर गलत है।

8 मई को आई को पाॅजिटिव बताकर स्वास्थ्य विभाग का स्टाफ ले गया। हम चार भाई और परिवार के 51 लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिया। सोमवार को अखबार में खबर छपी तो दोस्तों, रिश्तेदारों ने बताया कि मां की मृत्यु हो गई। अंतिम समय में हम चार भाइयों में से कोई भी उन्हें कांधा न दे सके। क्वारेंटाइन सेंटर से हमें मुक्तिधाम लाए। पैक एक बाॅडी लाकर रख दी। आखिरी बार मां का चेहरा तक नहीं देख सके।

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