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चक्रवात अम्फन’ से पश्चिम बंगाल-ओडिशा में तबाही…

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चक्रवाती तूफान अम्फन ने पश्चिम बंगाल  और ओडिशा  में सबसे ज्यादा तबाही मचाई. इस तूफान ने 72 लोगों की जिंदगी छीन ली. तूफान ने हजारों घरों को तहस-नहस कर दिया. बड़ी इमारतों को काफी नुकसान पहुंचा. हजारों पेड़ उखड़ गए. तबाही की तमाम तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.

पश्चिम बंगाल में हुए नुकसान को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदीसे राज्य का दौरा करने का अनुरोध किया था. जिसके बाद गुरुवार को प्रधानमंत्री कार्यालय ने जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार को पीएम मोदी पश्चिम बंगाल और ओडिशा का दौरा करेंगे.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को एक समीक्षा बैठक के बाद कहा, ‘मैंने अपने जीवन में कभी भी इस तरह के भयंकर चक्रवात और विनाश को नहीं देखा है.’

CM ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पश्चिम बंगाल आने और चक्रवात अम्फन से प्रभावित इलाकों का दौरा करने का अनुरोध करूंगी.’ जिसके बाद PMO ने यह जानकारी देते हुए ट्वीट किया, ‘कल (शुक्रवार) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल और ओडिशा का दौरा करेंगे और चक्रवात अम्फन के मद्देनजर स्थिति का जायजा लेंगे. वह हवाई सर्वेक्षण करेंगे और समीक्षा बैठकों में हिस्सा लेंगे.’

इससे पहले पीएम मोदी ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा था कि हम मदद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे. मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘मैंने चक्रवाती तूफान ‘अम्फन’ के कारण पश्चिम बंगाल में नुकसान के दृश्य को देखा है. यह चुनौतीपूर्ण समय है, पूरा देश पश्चिम बंगाल के साथ एकजुट होकर खड़ा है. राज्य के लोगों की भलाई के लिए प्रार्थना कर रहा हूं. स्थिति सामान्य करने के लिए प्रयास जारी हैं.’

अम्फन की वजह से पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता, उत्तरी 24 परगना, सुंदरवन और दीघा में भारी बारिश हुई और कई इलाकों में भारी मात्रा में जलभराव देखने को मिला. कोलकाता एयरपोर्ट भी पानी में डूबा नजर आया.

तेज हवाओं से कोलकाता एयरपोर्ट का कुछ हिस्सा भी मामूली रूप से क्षतिग्रस्त हुआ है. एयरपोर्ट की सभी सेवाओं को गुरुवार सुबह 5 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था. अम्फन के गुजरने के बाद कोलकाता के रिहायशी इलाकों में हजारों पेड़ गिरे नजर आए. पेड़ गिरने से सैकड़ों गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं. पेड़ों के गिरने से बिजली की तारें भी टूट गईं, जिसके चलते कई इलाकों की बिजली गुल रही. अभी भी राहत टीमें व्यवस्था को दुरुस्त करने की कोशिशों में जुटी हैं.

चक्रवात की वजह से बड़ी संख्या में कच्चे मकानों को भी खासा नुकसान हुआ है. पश्चिम बंगाल-ओडिशा सरकार के अधिकारियों के अनुसार, चक्रवात आने से पहले पश्चिम बंगाल और ओडिशा में कम से कम 6.58 लाख लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था.

चक्रवात आने से एक दिन पहले गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा के मुख्यमंत्रियों से फोन पर बात की थी. बातचीत के बाद शाह ने कहा था, ‘मैंने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक जी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जी से चक्रवात से उत्पन्न स्थिति को लेकर बातचीत की और केंद्र से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया.’

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