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भोपाल 44.5 नई पीपीई किट से 16 को आए चक्कर 5 बेसुध हुए…

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भोपाल. नौतपा का पहला दिन भीषण गर्मी लेकर आया। सोमवार को प्रदेश के 20 जिलों में 44 से 46 डिग्री तापमान रिकॉर्ड हुआ। 14 जिले लू में तप गए। छतरपुर जिले में सीविरयर हीट वेव यानी अति तीव्र लू चली। भोपाल में लू जैसे हालात रहे और तापमान 44.5 रिकॉर्ड हुआ, जो कि बीते नौ साल में नौतपा के पहले दिन का सबसे ज्यादा तापमान है।

गर्मी में पॉलिथिन की एक्स्ट्रा लेयर वाली पीपीई किट पहने हमीदिया में ड्यूटी कर रहे 16 कर्मचारियों की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें पहले चक्कर आए। इनमें से पांच बेसुध होकर गिर गए। बाद में किट उतरवाकर इन्हें ड्रिप चढ़ाई गई, तब तबीयत सुधरी।
मौसम विशेषज्ञ एसके नायक के मुताबिक अगले तीन दिन पूरा प्रदेश ऐसे ही तपेगा। भोपाल समेत सभी संभागों में तापमान एक से दो डिग्री बढ़ सकता है। हालांकि 29 मई से तापमान कम होने की संभावना है।

कर्मचारियों को गिरते देख महिलाएं रोने लगीं, बाद में ड्रिप चढ़ाई गई
हमीदिया के काेविड केयर सेंटर में सुबह 8 बजे जब शिफ्ट बदली तो जूनियर डॉक्टर्स व स्वास्थ्यकर्मियों को नई पीपीई किट दी गई। इस पर पॉलिथिन की कोटिंग थी। एक्सट्रा लेयर वाली किट पहनने के एक घंटे बाद ही कर्मचारियों को चक्कर आने लगे।

उन्हें घबराहट हुई तो पास खड़ी सफाईकर्मी महिलाएं रोने लगीं। पांच कर्मचारी बेसुध होकर गिर पड़े, जबकि 11 को वहीं बेंच पर लिटा दिया गया। यहां माैजूद दूसरे स्टाफ ने इन लाेगाें काे संभाला और इनकी पीपीई किट निकालीं। इसके बाद इन्हें कुछ राहत मिली, छह कर्मचारियाें काे अस्पताल में भर्ती करके ड्रिप चढ़ानी पड़ीं।

ये किट 15 दिन पहले सीएमएचओ की ओर से नि:शुल्क उपलब्ध कराई गई थीं। हमीदिया अधीक्षक डॉ. एके श्रीवास्तव के मुताबिक गर्मी में पीपीई किट पहनने से इस तरह की परेशानी होना आम है। ऐसी 2000 किट सरकार की ओर से दी गई हैं।

23 मई काे कुछ आरएमओ- जूनियर डाॅक्टराें ने इस किट का टेस्ट किया था। तभी गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। कुछ आरएमओ ने एचओडी काे लिखित में आवेदन भी दिए, लेकिन एचओडी ने सीधे ही ये आवेदन फाॅरवर्ड कर दिए थे। प्रबंधन का कहना था कि एचओडी अपनी टीप लिखकर दें, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

जूडा के अध्यक्ष डाॅ. सचेत सक्सेना के मुताबिक, नई पीपीई किट ज्यादा गर्मी में पहनकर काम करने लायक नहीं है। एक घंटे में ही हालत खराब हाे जाती है। इस पर पहले भी आपत्ति दर्ज कराई है, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।

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