भारत के अरबपति बिजनेसमैन मुकेश अंबानी ने शुक्रवार को घोषणा की है कि उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्री अब पूरी तरह से कर्जमुक्त हो चुकी है. उन्होंने कहा कि कंपनी ने वक्त से पहले अपना यह लक्ष्य पूरा कर लिया है. कंपनी पर अब उसकी NET संपत्ति पर कोई कर्ज नहीं है. देश के ऑयल मार्केट से टेलीकॉम सेक्टर तक में दखल रखने वाली रिलायंस ने 31 मार्च, 2021 तक कर्जमुक्त होने का लक्ष्य रखा था.
पिछले कुछ हफ्तों में कंपनी ने अपने 53,000 करोड़ से ज्यादा के राइट्स इशू करके पैसे जुटाए, वहीं अपने डिजिटल सर्विस प्लेटफॉर्म जियो प्लेटफॉर्म में 1.6 लाख करोड़ का विदेशी निवेश जुटाया है. कंपनी ने इसके लिए कई विदेशी कंपनियों के साथ डील की है, जिसमें इंटरनेट दिग्गज फेसबुक भी शामिल है
इन सभी तरीकों से निवेश के जरिए रिलायंस इंडस्ट्रीज अपनी कुल संपत्ति पर कर्ज-मुक्त हो गई है. 31 मार्च, 2020 तक कंपनी पर 1,61,035 करोड़ का कर्ज था.शुक्रवार की सुबह मुकेश अंबानी की ओर से एक बयान जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है, ‘मैंने 31 मार्च, 2021 तक रिलायंस इंडस्ट्रीज़ को कर्जमुक्त करने का शेयरधारकों के साथ किया गया अपना वादा वक्त से पहले पूरा कर लिया है.’
कंपनी की ओर से कहा गया है कि कंपनी ने जो अपने राइट्स इशू और जियो में हिस्सेदारी बेचकर जो संयुक्त पूंजी इतने कम वक्त में जुटाए हैं, वैसा दुनिया भर में अभी तक कभी नहीं हुआ है. समूह की ओर से कहा गया है कि ऐसा देश के कॉरपोरेट इतिहास में भी कभी नहीं हुआ है और यह इसलिए भी खास है क्योंकि कंपनी ने यह कोविड-19 महामारी के चलते लागू वैश्विक लॉकडाउन के बीच हासिल किया है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ ने 22 अप्रैल से शुरुआत कर अगले नौ हफ्तों में जियो प्लेटफॉर्म को लेकर 11 डील कीं, जिसमें कंपनी ने इसकी 24.70 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 1,15,693.95 करोड़ रुपए जुटाए. इन 11 डील्स में से कंपनी की फेसबुक के साथ बहुत बड़ी डील भी शामिल है. जिसके तहत कंपनी ने जियो प्लेटफॉर्म्स की 9.99 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 43,573.62 करोड़ की डील की है.
इसके अलावा कंपनी ने अमेरिका की प्राइवेट इक्विटी फर्म विस्टा और केकेआर के साथ डील कीं. वहीं सउदी अरब के पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड के साथ भी डील की हैं, जिसके तहत कंपनी ने 11,367 करोड़ में इन सभी कंपनियों को जियो प्लेटफॉर्म्स की 2.32 हिस्सेदारी बेची है.