उच्च शिक्षा निदेशालय में एचएएस कैडर से नियुक्त अतिरिक्त निदेशक ने वित्तीय शक्तियां छीनने से नाराज होकर शिक्षा निदेशक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अतिरिक्त निदेशक सोनिया ठाकुर ने शिक्षा सचिव राजीव शर्मा को भेजी लिखित शिकायत में विभागीय खरीद फरोख्त का विशेष ऑडिट करवाने की मांग की है। उन्होंने विभागीय खरीद फरोख्त में धांधलियां न हों, इसके लिए प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति को लेकर कार्मिक विभाग द्वारा किए गए प्रावधान की अवहेलना होने का भी आरोप लगाया है।
सोनिया ठाकुर ने शिक्षा निदेशक पर उनसे कार्यभार लेने के बाद किसी अन्य विभागीय अधिकारी की देखरेख में बीते दिनों करोड़ों रुपये की खरीद-फरोख्त करने का आरोप भी लगाया है। कहा कि उच्च शिक्षा निदेशालय में प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियां संयुक्त या अतिरिक्त निदेशक को सौंपी जाती रही हैं। एचएएस कैडर के अधिकारी ही इन शक्तियां का प्रयोग करते आए हैं लेकिन वर्तमान में उनसे यह शक्तियां छीन कर विभागीय अधिकारी को सौंप दी गई हैं। खरीद फरोख्त कमेटी से भी उन्हें बाहर कर दिया है जबकि जैम पोर्टल पर वह ही पंजीकृत खरीदार हैं।
सूत्रों के अनुसार जैम पोर्टल पर अतिरिक्त निदेशक का मोबाइल नंबर और ई मेल आईडी पंजीकृत है। इसी फोन नंबर पर खरीद से संबंधित ओटीपी आते हैं। निदेशालय में करोड़ों रुपये की खरीद उनके नाम पर हो रही है जबकि वह खरीद कमेटी से बाहर हैं। ऐसे में किसी अन्य अधिकारी को जैम पोर्टल पर पंजीकृत खरीदार बनाने की जरूरत है। उ
यह भी कहा कि बीस मार्च को स्टोर, कैश और जांच शाखा को भी उनसे वापस लेकर संयुक्त निदेशक कॉलेज को दे दी गई हैं। सरकार द्वारा अधिकतर विभागों में प्रशासनिक अधिकारी के पदों का सृजन कार्मिक विभाग के आदेशों के तहत इसलिए किया गया है ताकि विभागों में होने वाली धांधलियों पर अंकुश लगाया जा सके और प्रशासनिक और वित्तीय कार्य इन्हीं अधिकारियों की देखरेख में हो।
लेकिन सरकार के इन आदेशों की अवहेलना करते हुए निदेशक ने प्रशासनिक अधिकारी से यह शक्तियां छीनकर विभागीय अधिकारी को दी हैं। उधर, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने कहा है कि विभागों में कार्यों का बंटवारा कार्यशैली और अनुभव के आधार पर किया जाता है। अतिरिक्त निदेशक को अगर इस बाबत कोई आपत्ति थी तो वो उन्हें बता सकती थीं। निदेशक ने बताया कि यह विभाग का आंतरिक मामला है, इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।