भाजपा से पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुमेर सिंह सोलंकी और कांग्रेस से दिग्विजय सिंह राज्यसभा पहुंच गए हैं। मप्र की तीन राज्यसभा सीटों के लिए शुक्रवार को हुए मतदान में सिंधिया को 56, दिग्विजय को 57 और सुमेर को 55 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार फूल सिंह बरैया को 36 वोट ही मिले। गुरुवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया था कि 113 वोट मिलेंगे, पर 111 वोट मिले।
कांग्रेस का दावा था- 92 वोट मिलेंगे, उसे 93 मिल गए। हैरानी की बात यह है कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में 54 विधायकों को दिग्विजय के पक्ष में वोट देने के लिए कहा गया था, लेकिन उनके पक्ष में 57 वोट पड़े। बताया जा रहा है कि गुना सीट से भाजपा विधायक गोपीलाल जाटव ने क्राॅस वोटिंग कर दी। पार्टी ने जब उनसे इस बारे में पूछा, तो वे तार्किक जवाब नहीं दे पाए। हालांकि ‘भास्कर’ ने जब जाटव से पूछा तो उन्होंने क्रास वोटिंग से इनकार किया। इस मामले में प्रदेश भाजपाध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि भाजपा का संख्या बल 107 का है, लेकिन उसे 111 विधायकों के वोट मिले।
सपा से राजेश शुक्ला निष्कासित
सपा ने बिजावर सीट से अपने विधायक राजेश शुक्ला को निष्कासित कर दिया है। शुक्ला ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को वोट किया था। सपा विधानसभा अध्यक्ष को निष्कासन की सूचना देगी। दलबदल के चलते उनकी सदस्यता रद्द हो सकती है। शेष | पेज 4 पर
सिंधिया के क्षेत्र जीते थे जाटव
यहां बता दें कि गोपीलाल जाटव वरिष्ठ नेता हैं और सिंधिया की गुना-शिवपुरी संसदीय सीट से आते हैं। जब सिंधिया कांग्रेस में थे, तब जाटव उनके क्षेत्र से जीत कर आए थे।
सिंधिया बोले – मप्र की प्रगति और विकास के लिए पूरे सामर्थ्य से निभाऊंगा
मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मिलकर मध्यप्रदेश की प्रगति और विकास के लिए अपने पूरे सामर्थ्य से निभाऊंगा। कोविड पॉजीटिव होने के कारण मैं आपके समक्ष उपस्थित नहीं हो पाया हूं, लेकिन शीघ्र ही आपके बीच आऊंगा।
– ज्योतिरादित्य सिंधिया
गुजरात में भाजपा के खाते में तीनों सीटें, राजस्थान में कांग्रेस को दो
नई दिल्ली। देश में नौ राज्याें की 23 राज्यसभा सीटाें के लिए शुक्रवार काे चुनाव हाे गया। राजस्थान की तीन सीटाें के लिए हुए चुनाव कांग्रेस के केसी वेणुगाेपाल, नीरज दांगी और भाजपा के राजेंद्र गहलाेत चुन लिए गए। यहां विदेश से आकर मतदान करने वाले वाजिब अली के खिलाफ भाजपा ने कोरोना महामारी के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने के आराेप में एफआईआर दर्ज कराई है।
अली ऑस्ट्रेलिया से लौटे हैं। उन्हें पीपीई किट पहनाकर मतदान कराया गया। गुजरात की तीनों सीटों पर भाजपा को जीत मिली। चार में से तीन सीटों पर भाजपा को जीत मिली। कांग्रेस के सहयाेगी दल भारतीय ट्राइबल पार्टी के दोनों विधायकों ने वोट नहीं डाले। इससे भाजपा खाते में तीन सीेटें आ गईं।
कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी कोरोना पॉजिटिव हैं। उन्हें सुबह 11:30 बजे स्वास्थ्य विभाग की टीम घर से पीपीई किट पहनाकर एंबुलेंस से विधानसभा लाई। वे एंबुलेंस में अकेले ही बैठे। उनके वहां पहुंचने की खबर के बाद अंदर मौजूद अमले ने भी पीपीई किट पहन ली। कुणाल के लिए यहां अलग व्यवस्था की गई थी। करीब एक बजे उन्होंने वोट डाला। इसके बाद एंबुलेंस से ही वापस लौट गए। उनके जाने के बाद पूरे स्थान को सैनेटाइज कराया गया।
पार्टी ने 18 जून को विधायक दल की बैठक में माॅक पोल रखा था। बैठक में ऑब्जर्वर प्रकाश जावड़ेकर व बीजे पांडा, प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे के सामने सभी नेताओं ने वोट डाला। यहां किसी नहीं देखा कि कौन-कैसे वोट डाल रहा है। 17 जून को संगठन ने 6 बड़े नेताओं को चुनाव की जिम्मेदारी दी। वोटिंग का काम पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, बंशीलाल गुर्जर को, मतगणना का यशपाल सिंह सिसोदिया, गिरीश गौतम और एजेंट अरविंद भदौरिया व अजय विश्नोई को बनाया था।
इन सभी के रहते क्राॅस वोटिंग हो गई। एक वोट रिजेक्ट हो गया। राज्यसभा की वोटिंग में व्यवस्था है कि विधायक वोट डालने से पहले वहां मौजूद पार्टी के नेताओं को वोट दिखाता है। उक्त छह बड़े नेताओं ने यह क्यों नहीं देखा। केंद्रीय नेतृत्व ने इस पर कड़ा रुख अपनाकर पूछताछ की है। पार्टी इस बारे में छह नेताओं से भी जवाब-तलब कर रही है।
मतगणना में दो वोट रिजेट हुए। इनमें एक वोट रैगांव (सतना) सीट से भाजपा विधायक जुगल किशोर बागड़ी का था। उन्होंने वोट सिंधिया को दिया था, लेकिन एक नंबर लिखने के बजाय उसे गलत तरीके से लिख दिया था। क्राॅस वोटिंग और एक वोट रिजेक्ट होने से भाजपा की संख्या दो कम हो गई। दूसरा वोट कांग्रेस की तरफ से रिजेक्ट हुआ। यह दिग्विजय को दिया गया था। इस पर 1 नंबर लिखने के बाद उसके मुहाने पर कुछ लाइनें खींच दी गई थीं, जिससे वह मशाल जैसा दिख रहा था।