भारत ने चीन के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ के उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है, जिसमें यह कहा गया था कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को मॉस्को में अपने चीनी समकक्ष से मिल सकते हैं. रक्षा मंत्रालय ने साफ किया है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मॉस्को में चीन के रक्षा मंत्री के साथ मुलाकात नहीं करेंगे. इससे पहले ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने देर शाम ट्वीट किया था,
“चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंग बुधवार को मॉस्को में रूस के विजय दिवस परेड में भाग लेंगे, और संभवत: अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह के साथ बैठक करेंगे.’ रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने हालांकि कहा कि कोई बैठक की योजना नहीं है.
बता दें कि लद्दाख में चीन के साथ तनातनी के बीच ये खबर आई थी. गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुए हिंसक झड़प में कर्नल समेत सेना के 20 जवानों की जान चली गई थी. साथ ही 70 से अधिक जवान घायल हो गए थे. घायल जवानों की हालत फिलहाल ठीक है और सेना ने कहा है कि अगले एक हफ्ते के भीतर ही जवान ड्यूटी ज्वाइन कर लेंगे.
उधर, भारत-चीन तनाव के बीच 22 जून को भारत और चीन के बीच लेफ्टिनेंट कमांडर स्तर के अधिकारियों की बातचीत हुई है. जानकारी है कि यह बातचीत बहुत ही बेहतर माहौल में हुई है और दोनों देशों ने जवानों की वापसी करने को लेकर आपसी सहमति जताई है. सेना के सूत्रों से यह जानकारी मिली है. सेना के सूत्रों ने बताया है कि दोनों देशों की सेनाएं ईस्टर्न लद्दाख से पीछे हटने को तैयार हो गई हैं.
मंगलवार को सेना की ओर से कहा गया है कि सोमवार को दोनों देशों की ओर से गलवान घाटी में हुई झड़प और संघर्ष के दूसरे मुद्दों के लेकर लेफ्टिनेंट कमांडर स्तर पर बातचीत हुई, जिसमें दोनों देश ‘सेना की वापसी के लिए आपसी सहमति’ जताई. सेना ने कहा कि ये बातचीत बहुत ही सकारात्मक और बेहतर माहौल में हुई.
उधर, रूस ने भारत और चीन के बीच जारी विवाद में किसी भी तरह की मध्यस्थता से पहले ही इनकार कर दिया है. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Russian Foreign Minister Sergei Lavrov) ने मंगलवार को RIC (रूस-भारत-चीन) के विदेश मंत्रियों की वर्चुअल मीटिंग में कहा, ‘भारत और चीन (India and China) को दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहे मुद्दों को सुलझाने में बाहरी मदद की ज़रूरत नहीं है.’
रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि भारत और चीन को बाहर से किसी तरह की मदद की जरूरत है. मुझे नहीं लगता कि उन्हें मदद करने की जरूरत है, खासकर जब देश का मुद्दा आता है.”
बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिवसीय रूस यात्रा पर सोमवार को रवाना हुए थे. वह द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत विजय की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित भव्य सैन्य परेड में हिस्सा लेने रूस पहुंचे हैं. रक्षा मंत्री रूस के उच्च अधिकारियों के साथ दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाने को लेकर कई बैठकें भी करेंगे. कोरोना महामारी के मद्देनजर चार महीने तक यात्रा पर लगे प्रतिबंध के बाद किसी वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री की यह पहली विदेश यात्रा है.