हिमाचल कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक गुरुवार सुबह 10 बजे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित की जाएगी। बैठक में स्वास्थ्य महकमे की ओर से एक प्रस्तुति होगी। इसमें कोरोना वायरस के मामलों को लेकर चर्चा होगी। कोरोना संकट से निपटाने की भी रणनीति बनेगी। कई स्वास्थ्य और अन्य संस्थानों को स्तरोन्नत करने के बारे में भी निर्णय लिए जा सकते हैं।
सचिवालय में प्रस्तावित इस बैठक में कई बड़े फैसले होने की उम्मीद है। बैठक में राज्य में आर्थिक गतिविधियों को तेज करने के बारे में चर्चा संभावित है। इसके लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी और टास्क फोर्स अपनी रिपोर्ट इस बैठक में रख सकती है। परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ करने के बारे में भी मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा होगी।
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बैठक में प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नियुक्त 6799 पीटीए शिक्षकों को नियमित करने का फैसला हो सकता है। मंत्रिमंडल की बैठक में इस बाबत प्रस्ताव लाया जा रहा है। पैट और पैरा शिक्षकों को लेकर फिलहाल वीरवार की बैठक में प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। संभावित है कि आगामी दिनों में होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में इसको लेकर चर्चा होगी। सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों ही पीटीए,
पैट और पैरा शिक्षकों के हक में फैसला सुनाते हुए उनके नियमितीकरण की राह आसान कर दी है। बता दें कि पीटीए शिक्षकों को सरकार पहले ही नियमित शिक्षकों के बराबर वेतन दे रही है। मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के चलते सरकार इन्हें नियमित नहीं कर पा रही थी। उधर, 2172 पैरा और 3501 पैट शिक्षकों को अभी नियमितीकरण के लिए इंतजार करना पड़ेगा।
वहीं, हिमाचल में बस किराया बढे़गा या नहीं, इसका फैसला गुरुवार को कैबिनेट बैठक में होगा। निजी बस ऑपरेटरों ने सरकार से किराये में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की मांग की है, लेकिन सरकार किराया बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। हिमाचल में तीन माह से प्राइवेट बसें सड़कों पर खड़ी हैं। 3100 में से 200 के करीब निजी बसें बीते तीन दिन से सड़क पर दौड़ रही हैं।
ऑपरेटरों की मांगों के चलते परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर, परिवहन विभाग के निदेशक कैप्टन जेएम पठानिया और निजी ऑपरेटरों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक हुई थी। इसमें परिवहन मंत्री ने मंत्रिमंडल बैठक में निजी बस ऑपरेटरों को कोई न कोई राहत देने की बात कही थी। मंत्री ने कहा था कि सरकार ने जनता और निजी बस ऑपरेटर दोनों देखना है
प्रदेश के होटल मालिकों को सस्ता ऋण देने की योजना को मंत्रिमंडल बैठक में मंजूूरी मिल सकती है। पर्यटन और सहकारिता विभाग की इस योजना को एक माह पहले मंत्रिमंडल बैठक में सैद्धांतिक मंजूरी दी गई थी। राज्य सहकारी बैंक के माध्यम से ऋण देने की इस योजना की गाइडलाइन लगभग तैयार हो गई है।
संभावित है कि वीरवार की बैठक में इसे मंजूरी मिलेगी। योजना के तहत राज्य सहकारी बैंक के माध्यम से होटल कारोबारियों को ऋण दिए जाने हैं। वर्तमान में बैंक द्वारा 11 फीसदी ब्याज पर ऋण दिया जाता है। योजना के तहत करीब 5 या 6 फीसदी ब्याज पर होटल कारोबारियों को चार साल के लिए ऋण दिया जाएगा। ब्याज की शेष राशि को प्रदेश सरकार स्वयं चुकाएगी।