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बिहार चुनाव: नीतीश कुमार की पार्टी का टिकट लौटाने के पीछे की असल कहानी…

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बिहार विधान सभा चुनावों की सरगर्मियों के बीच शनिवार को पटना के राजनीतिक गलियारे में पूर्व मंत्री मनोज कुशवाहा द्वारा जनता दल यूनाइटेड का टिकट लौटाने के कारणों को लेकर अफ़वाहों का बाज़ार गर्म रहा. दरअसल, मनोज कुशवाहा को जब उनकी परंपरागत सीट कुढ़नी की जगह मीनापुर विधान सभा सीट से पार्टी का सिंबल मिला तो वो ख़ुद भौंचक थे लेकिन जैसे ही मीनापुर के लोगों ने ख़ासकर जनता दल यूनाइटेड के कार्यकर्ताओं को ये बात पता चली, तब उन्होंने मनोज कुशवाहा की उम्मीदवारी का विरोध शुरू कर दिया. पूर्व मंत्री मनोज ने पार्टी नेताओं को फौपन इससे अवगत कराया.

इसके बाद बात खुली कि टिकट दरअसल पार्टी के किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मनोज कुमार, जो कुशवाहा जाति से आते हैं और उसी इलाक़े के स्थानीय हैं, को सिंबल दिया जाना था लेकिन गलती से इन्हें चला गया. पार्टी के बिहार इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी ने माना कि ऐसी ग़लती एक जैसा नाम होने की वजह से कन्फ़्यूज़न से हुआ है.

शनिवार को दोनों (मनोज कुमार और मनोज कुमार कुशवाहा) को एक जगह बुलाकर सही मनोज कुमार को सिंबल दे दिया गया लेकिन फ़ोन करने वाले की गलती के कारण पार्टी को काफ़ी सफ़ाई देनी पड़ी. हालाँकि, जिन पूर्व मंत्री मनोज कुशवाहा को गलती से सिंबल मिला था वो पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी से हार गए थे, इसलिए इस बार उनकी सीट यानी कुढ़नी फिर से भाजपा के खाते में चली गई है.

इससे पहले, 2014 के लोक सभा चुनावों में किशनगंज सीट से जनता दल यूनाइटेड के ही प्रत्याशी अख़तरुल इमाम ने चुनाव के बीच बैठने का फ़ैसला ले लिया था. इस वजह से तब भाजपा को काफ़ी फ़ायदा हुआ था और नीतीश कुमार की अच्छी खासी फ़ज़ीहत.

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