Home Bhopal Special कोरोना की सख्ती के बीच खुलेंगे माता के दरबार, सजे पंडाल….

कोरोना की सख्ती के बीच खुलेंगे माता के दरबार, सजे पंडाल….

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अधिक मास खत्म हो गया है और शारदीय नवरात्र आज यानि शनिवार से शुरू हो रही है। कोरोना होने के बाद भी सरकार ने मंदिरों को खोलने और कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने के आदेश जारी कर दिए हैं। एहतियात के साथ माता के दरबार खुलेंगे। राजधानी में भोपाल में पंडाल सज गए हैं। लोगों ने देवी प्रतिमाओं को ले जाने से पहले आरती की।

सरकार के आदेश के मुताबिक, कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा। इसकी व्यवस्था भी मंदिर प्रबंधन को ही करनी होगी। मध्य प्रदेश में तीन प्रमुख शक्तिपीठ मैहर, सलकनपुर और देवास में उमड़ेगी भक्तों की भीड़, लेकिन प्रांगण में 200 से ज्यादा श्रद्धालु नहीं रुक सकेंगे। कोविड प्रोटोकॉल के पालन की जिम्मेदारी मंदिर प्रबंध समिति और व्यवस्थापक को दी गई है।

नवरात्र उत्सव के लिए विट्ठल मार्केट की झांकी में शासन की गाइडलाइन के विरुद्ध पंडाल बनाया गया है, जिसमें एक तरफ से अंदर जाने का और दूसरी तरफ से बाहर निकलने का रास्ता है, जबकि कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक, कोई भी पंडाल बंद नहीं बनाया जाएगा। इधर, शुक्रवार को हबीबगंज स्थित मूर्तिकारों के यहां से मां भगवती की प्रतिमा ले जाने के लिए बड़ी संख्या में लोग आए। प्रतिमा ले जाने के पहले आरती की गई।

छह दिन पहले सलकनपुर मंदिर प्रबंध समिति ने बैठक कर फैसला लिया था कि काेराेना संक्रमण काे देखते हुए नवरात्र में मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे। चूंकि, नवरात्र में भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं। इसलिए यह फैसला आम सहमति से से लिया जा रहा है। इसी तरह, चामुंडा देवी मंदिर देवास में मंदिर खुले रखने का फैसला किया था, लेकिन भंडारे और गरबा जैसे आयोजन पर पाबंदी रखी थी। मैहर वाली माता मंदिर भी नवरात्र में श्रद्धालुओं के लिए बंद रखने का फैसला मंदिर समिति ले चुकी थी।

मंदिर प्रांगण अथवा हॉल कितना भी बड़ा क्यों न हो, एक समय में वहां 200 से अधिक व्यक्ति एकत्रित नहीं होंगे। छोटे स्थानों पर उतने ही व्यक्ति एक बार में एकत्रित हों, जिससे एक-दूसरे के बीच पर्याप्त दूरी बनी रहे। मंदिरों में दर्शन के लिए लगने वाली लाइनों में एक-दूसरे श्रद्धालु के बीच पर्याप्त अंतर हो, इसकी जिम्मेदारी मंदिर प्रबंध समितियां तथा व्यवस्थापकों को दी गई है।

नवरात्र पर दुर्गा प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। प्रतिमाओं पर ऊंचाई का प्रतिबंध नहीं रखा गया है। कोरोना को देखते हुए प्रतिमाएं स्थापित किए जाने और झांकियां बनाने में इस बात का पूरा ध्यान रखा गया है कि श्रद्धालुओं को दर्शन में परेशानी न आए। कहीं भी भीड़ एकत्रित न हो, इसलिए गुफा या इस प्रकार की झांकी नहीं बनाई गई हैं। पंडाल ऐसे बनाए गए हैं कि दर्शन में श्रद्धालु को सकरे रास्ते अथवा झुककर न जाना पड़े, अधिक समय न लगे और एक स्थान पर रूकना पड़े।

इस बार नवरात्रि पर किसी भी प्रकार के चल समारोह नहीं होंगे। प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए आयोजन समिति के अधिकतम 10 व्यक्ति निर्धारित विसर्जन स्थलों पर जा सकेंगे। विसर्जन में भी पूरी सावधानियां बरतनी होंगी।

दशहरे के अवसर पर रावण दहन किया जा सकेगा तथा राम लीलाएं भी हो सकेंगी। परन्तु कोरोना संक्रमण के मद्देनजर एक-दूसरे के बीच पर्याप्त दूरी रखने, मास्क लगाने आदि की सावधानियां अनिवार्य रूप से बरतनी होंगी।

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