दशकों से चली आ रही परंपरा मां दुर्गा की झांकी के नियम को कोरोना का भय भी तोड़ नहीं पाया। अष्टमी के दिन संतोषगढ़ नगर में हर वर्ष की भांति मां जगदंबे की भव्य झांकी श्रद्धाभाव से निकाली गई।
सरकार व प्रशासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए झांकी निकाली गई। हालांकि कोरोना के कारण बदले नियमों में कंधों पर झांकी को न उठाकर ट्रैक्टर पर नगर का भ्रमण कराया गया। इस दौरान मां के भजनों की गूंज से संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो गया। शाम को जैसे ही मां दुर्गा का रूप लिए सचिन शर्मा और भैरों बाबा का रूप धारण किए चंद्र प्रभाकर तथा हनुमान के रूप में सचिन को तैयार करके भवन में लाया गया तो मां के जयकारों से सारा नगर गूंज उठा। भवन को इस बार खुली ट्राली में रखकर पूरे बाजार में से पुराने बस स्टैंड तक ले जाया गया।
रामलीला के बाद अष्टमी को मां जगदंबे की झांकी निकालने को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई थी लेकिन बाबा नांगा ड्रामाटिक क्लब एवं समाज सुधार सभा के प्रधान शिव कांत पराशर, एडवोकेट नरेश चब्बा, निर्देशक सरवण सैनी आदि ने एसडीएम ऊना से झांकी निकालने को लेकर मुलाकात की। सभा के पदाधिकारियों द्वारा एसडीएम को कोविड नियमों का पूरा करने का आश्वासन देने के उपरांत एसडीएम ने पुलिस प्रशासन की निगरानी में झांकी निकालने की स्वीकृति प्रदान की, लेकिन लोगों पर इसका ज्यादा असर दिखाई नहीं दिया। हालांकि आयोजकों व पुलिस प्रसाशन द्वारा पुख्ता इंतजाम किए थे, लेकिन लोगों की श्रद्धा को देखते हुए वह इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे थे।
कई श्रद्धालुओं ने नियमों का पालन करते हुए मां जगदंबे के दर्शन किए। झांकी में न ही लोगों ने प्रसाद चढ़ाया और न ही प्रसाद बांटा गया।