जम्मू-कश्मीर में धारा 370 की वापसी और तिरंगे को लेकर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बयानबाजी ने राज्य ही नहीं देश का सियासी पारा चढ़ा दिया है. महबूबा मुफ्ती के बयानों को कई राजनेताओं ने गलत ठहराया है. बता दें कि शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुफ्ती ने कहा था कि वे जम्मू-कश्मीर के अलावा कोई अन्य (तिरंगा) झंडा नहीं उठाएंगी.
इस बीच कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का विरोध करने वाली महबूबा मुफ्ती को उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा ने सलाह दी है. मोहसिन रजा ने कहा है कि महबूबा मुफ्ती पाकिस्तान चली जाएं.कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी मुफ्ती के बयान पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस ने मुफ्ती के बयान की टाइमिंग पर सवाल खड़े किए हैं. गौरतलब है कि इन दिनों बिहार में विधानसभा चुनावों के प्रचार तेज है और चुनावी रैलियों में कश्मीर की भी जमकर चर्चा हो रही है.
सुरजेवाला ने अपने बयान में आगे कहा कि वह किसकी सहयोगी थीं? वह इस वक्त क्यों रिहा की गईं, जब चुनाव चल रहे हैं. यह एक समझौता है क्योंकि बीजेपी इन चुनावों में बिहार के बारे में बात करने के अलावा सब कुछ बोलेगी. इसके साथ ही सुरजेवाला ने महबूबा पर भी जमकर निशाना साधा. सुरजेवाला ने कहा कि उन्होंने (महबूबा मुफ्ती) हमेशा पाकिस्तान का शुक्रिया अदा किया है.
राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए कहा कि आर्टिकल 370 अब संविधान का नहीं बल्कि राष्ट्रीय अभिलेखागार का विषय है. इसे संविधान की पुस्तकों में नहीं बल्कि अभिलेखागार की फाइलों में पढ़ा जाएगा. इसके साथ ही सिन्हा ने कहा कि न ही अब आर्टिकल 370 कभी वापस आएगा न तो वो ही कभी सत्ता में आएंगी.
तिरंगे वाली टिप्पणी पर राज्यसभा सांसद ने कहा कि जिस तिरंगे की वो बात कर रही हैं, वो तिरंगा उनका मोहताज नहीं है. लाखों लोगों ने अपने त्याग और समर्पण से तिरंगे को एक पवित्रता दी है. वह 130 करोड़ जनता के सम्मान और देश की संप्रभुता का प्रतीक है. इसका जो कोई भी अपमान करेगा उसे देश की जनता और संविधान खारिज कर देगी.
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, “मुफ्ती एक मुख्यधारा की राजनीतिज्ञ होने का दावा करती हैं लेकिन उन्हें तिरंगा उठाने में दिक्कत है. हमने पिछले कई वर्षों में देखा है कि कश्मीर के तथाकथित राजनेता कभी-कभी अलगाववादियों की तुलना में अधिक खतरनाक होते हैं.
उन्होंने सत्ता में रहते हुए भारत माता की जय कहते हुए शपथ ग्रहण की थी. एक बार जब वे सत्ता से बाहर हो जाते हैं तो वे पाकिस्तान की कसमें खाना शुरू कर देते हैं और जम्मू-कश्मीर के एकीकरण पर सवाल उठाते हैं.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महबूबा मुफ्ती ने ऐलान किया कि मैं जम्मू-कश्मीर के अलावा दूसरा कोई झंडा नहीं उठाऊंगी. यानी उन्होंने फिर से एक देश दो झंडे वाली सियासत को आगे करते हुए तिरंगा हाथ में लेने से इनकार कर दिया है.
महबूबा मुफ्ती ने कहा, “जिस वक्त हमारा ये झंडा वापस आएगा, हम उस (तिरंगा) झंडे को भी उठा लेंगे. मगर जब तक हमारा अपना झंडा, जिसे डाकुओं ने डाके में ले लिया है, तब तक हम किसी और झंडे को हाथ में नहीं उठाएंगे. वो झंडा हमारे आईन का हिस्सा है, हमारा झंडा तो ये है. उस झंडे से हमारा रिश्ता इस झंडे ने बनाया है.”