प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार अब अधोसंरचना विकास के कामों में तेजी लाएगी। इसके लिए लोक निर्माण, जल संसाधन सहित आठ अन्य विभागों को बजट की विशेष सीमा देकर उसे खर्च करने की अनुमति भी दे दी गई है। इन विभागों में बीस फीसद बजट रोकने के आदेश को भी हटा लिया है। इसके साथ ही विशेष सीमा भी बढ़ाई गई है।
बताया जा रहा है कि इस व्यवस्था से विभाग ठेकेदारों का लंबित भुगतान करने के साथ अधेरे कामों को तेजी के साथ पूरे कराएंगे। इससे आर्थिक गतिविधि बढ़ेगी और रोजगार के अवसर बनेंगे। वित्त विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कोरोना संकट की वजह से प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई थीं।
इससे केंद्रीय और राज्य के करों से होने वाली आय घटी, पर खर्च बढ़ गया। लॉकडाउन खुलने के साथ आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हैं। इससे आय में भी वृद्धि हुई है। इसे और गति देने के साथ केंद्रीय योजनाओं में राज्य सरकार का अंश मिलाने के लिए कुछ विभागों को बजट की विशेष सीमा दी गई है। अगस्त से यह व्यवस्था लागू की थी, लेकिन बजट की पुख्ता व्यवस्था न होने के कारण वह प्रभावी नहीं हो पाई।
अब उसे अक्टूबर से मार्च 2021 तक के लिए संशोधित करके लागू किया है। इसमें सर्वाधिक राशि लोक निर्माण, जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और पंचायत एवं ग्रामीण विकास को दी गई है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि इस राशि का उपयोग पूंजीगत कामों में किया जाएगा।
दरअसल, अधोसरंचना परियोजनाओं की गति को बरकरार रखने के लिए सरकार भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से वित्तीय संस्थाओं से ऋण ले रही है। अक्टूबर में तीसरी बार एक हजार करोड़ रुपये का ऋण लिया है।