बिहार में कल दूसरे चरण के लिए मतदान होना है। इस बीच सोमवार की शाम महागठबंधन की ओेर से सीएम कैंडिडेट तेजस्वी यादव ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर युवा नौकरी संवाद किया। संवाद में 10 लाख नौकरियों के वादे को दोहराते हुए तेजस्वी ने कहा कि नीति आयोग की रैंकिंग में बिहार सबसे फिसड्डी है। बिहार को सुधारने के लिए सभी पदों को भरना होगा। उन्होंने कहा वे (सीएम नीतीश कुमार) पूछते हैं कि पैसा कहां से आएगा। अभी बिहार सरकार अपने बजट का 40 फीसदी हिस्सा खर्च नहीं कर पाती। उस राशि का इस्तेमाल किया जाएगा। यदि इस पर भी शक है तो हमारी सरकार बनेगी तो सीएम और विधायकों की सैलरी रोककर नौजवानों को सैलरी देगी।
संवाद के दौरान तेजस्वी ने बिहार के नौजवानों से कई वादे किए। इनमें पांच लाख रुपए तक का एजुकेशन लोन माफ करने और प्रदेश की सरकारी नौकरियों में स्थानीय नौजवानों को 85 प्रतिशत तक आरक्षण देने का वादा शामिल है। तेजस्वी ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार होते हुए भी बिहार में बेरोजगारी की दर देश में सबसे अधिक 46.6 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि लालू जी ने कई बार नीतीश कुमार से बिहार की सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने की बात कही लेकिन नीतीश कुमार जी ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसकी वजह से स्थानीय युवा सरकारी नौकरियों से वंचित रह जाते हैं। चुनाव बाद यदि महागठबंधन की सरकार बनती है तो बिहार की नौकरियों में 85 प्रतिशत आरक्षण स्थानीय युवाओं के लिए होगा। इसके अलावा छात्रों का पांच लाख रुपए तक का एजुकेशन लोन माफ किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बिहार में बेरोजगारी बड़ी समस्या है। इस वजह से लोगों को पलायन करना पड़ता है। डिग्री हैं तो नौकरी नहीं है। अस्पतालों में डॉक्टर नहीं है, स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, शिक्षा में जो गुणवत्ता होनी चाहिए है वो नहीं है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार में बीए की पढ़ाई में तीन साल से ज्यादा का समय लग जाता है. हमें शिक्षा को सुधारना है तो इन पदों को भरना होगा। कानून व्यवस्था को सही करना है तो इन सभी पदों को भरना होगा। उन्होंने कहा कि नीति आयोग में बिहार सबसे फिसड्डी है। इसका मतलब है बिहार सभी मानकों में पीछे हैं।
सीएम नीतीश कुमार पर निजी हमले करने का आरोप लगाते हुए तेजस्वी ने कहा कि उनकी हर बात हमारे लिए आशीर्वाद है। सीएम कहते हैं कि उन्होंने 15 साल में छह लाख नौकरियां दीं। लेकिन वह यह नहीं बताते हैं कि इनमें से ज्यादातर नौकरियां संविदा वाली थीं। तेजस्वी ने लालू-राबड़ी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि तब की सरकार ने बिहार को सात विश्वविद्यालय दिए। अब महागठबंधन की सरकार बनेगी तो बेगूसराय में राष्ट्रकवि दिनकर विश्वविद्यालय और मिथिलांचल में जननायक कर्पूरी ठाकुर विश्वविद्यालय स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा हम युवाओं को तीन साल में ग्रेजुएशन की डिग्री देंगे। बिहार अपने लिए बिजली खुद बनाएगा। कमाई, दवाई, पढ़ाई के लिए बिहार के लोग बाहर जाते हैं। इन हालात को बदला जाएगा। बिहार का पैसा बाहर नहीं जाएगा।
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार में बिहार की कानून व्यवस्था बुरी तरह खराब हो गई। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में व्यापारी सुरक्षित नहीं महसूस करता। व्यापारियों की सुरक्षा के लिए सरकार ‘व्यापारी सुरक्षा दस्ता’ बनाएगी ताकि बिहार में व्यापारी भयमुक्त होकर व्यापार कर सकें। तेजस्वी ने कहा कि बिहार के लोगों को अभी इलाज के लिए महानगरों में भटकना पड़ता है। हम जोनल स्तर पर सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाकर इस समस्या का समाधान करेंगे।
नौकरी संवाद के दौरान मंच पर राजद प्रवक्ता मनोज झा, वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी और प्रेम कुमार मणि भी मौजूद रहे।