मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां प्रदेश में हवाई अड्डों के विकास और विस्तार के संदर्भ में आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को मण्डी जिला के नागचला में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा के निर्माण और कांगड़ा एवं शिमला हवाई अड्डों के विस्तार से जुड़ी विभिन्न औपचारिकताओं के कार्य मंे तेजी लाने के निर्देश दिए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि नागचला हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 2936 बीघा भूमि चिन्हित की गई है और जनवरी, 2020 में इस स्थल के लिए स्वीकृति प्राप्त की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्रालय के साथ नवम्बर, 2019 में आयोजित बैठक में यह तय हुआ था कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण पहले चरण में 2100 मीटर लम्बे रन-वे पर कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार चरण दो के लिए 3150 मीटर भूमि अधिग्रहण करेगी और अतिरिक्त भूमि को बफर जोन के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने इस ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे के विकास और संचालन के लिए संयुक्त उपक्रम कम्पनी के माध्यम से 15 जनवरी, 2020 को एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया है।
उन्होंने कहा कि इस महत्वकांक्षी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण, टर्मिनल भवन, रन-वे और सम्बद्ध गतिविधियों पर 7448 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि खर्च होगी। भूमि अधिग्रहण पर 2786 करोड़ रुपये अन्य विकासात्मक गतिविधियों पर 2965 करोड़ रुपये टर्मिनल भवन, रन-वे एवं सम्बद्ध अधोसंरचना पर 900 करोड़ रुपये विभिन्न ढांचों पर 782 करोड़ रुपये जबकि वन संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत क्षतिपूर्ति पर 15 करोड़ रुपये व्यय होंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रस्तावित हवाई पट्टी के लिए सुकेती खड्ड के तटीकरण की आवश्यकता होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांगड़ा हवाई अड्डे को ए-320 जैसे एयरक्राफ्ट के संचालन के लिए विकसित करने व विस्तार देने के लिए 1780 बीघा भूमि चिन्हित की गई है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण एवं सम्बद्ध कार्यों के लिए 3347.18 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस हवाई पट्टी के लिए मांझी खड्ड केे तटीकरण के साथ-साथ हवाई अड्डे तक नए सम्पर्क सड़क मार्ग के निर्माण की आवश्यकता होगी।
शिमला हवाई अड्डे के विस्तार का उल्लेख करते हुए जय राम ठाकुर ने कहा कि केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने नवम्बर, 2019 में इस हवाई अड्डे के रन-वे को विस्तार देने के लिए धनराशि प्रदान करना मंजूर किया है। इस हवाई अड्डे में 300 मीटर के अतिरिक्त लम्बाई जोड़ी जाएगी, जिसके लिए 182-11 बीघा भूमि चिन्हित की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डी जिला में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे के निर्माण तथा कांगड़ा एवं शिमला हवाई अड्डों के विस्तार से राज्य में पर्यटन गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा। विशेषकर उच्च आय वर्ग के पर्यटक प्रदेश के मनोरम स्थलों का भ्रमण करने के लिए आगे आएंगे। इससे न केवल प्रदेश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार एवं स्वरोजगार के पर्याप्त अवसर भी उपलब्ध होंगे।
पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग के सचिव देवेश कुमार ने इस अवसर पर प्रदेश द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न परियोजनाओं पर एक प्रस्तुति दी।
जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव आर.डी. धीमान और प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा, सचिव विकास लाबरू और निदेशक पर्यटन युनस भी बैठक में उपस्थित थे।