पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद के बीच राफेल विमानों की दूसरी खेप बुधवार रात को भारत पहुंच गई। इस खेप में तीन विमान हैं। ये तीनों विमान फ्रांस से सीधे भारत आए हैं और पिछली खेप की तरह कहीं बीच में लैंडिंग नहीं की।
फ्रांस से तीनों राफेल विमान गुजरात के जामनगर एयरबेस पर लाए गए हैं। भारतीय वायुसेना के अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा, ”दूसरी खेप में तीन राफेल विमान भारत पहुंच गए हैं।” इस घटनाक्रम से परिचित अधिकारियों ने बताया था कि एयरफोर्स अंबाला में अपना पहला राफेल स्क्वाड्रन बनाने की तैयारी कर रहा है।
उन्होंने कहा था, ‘तीनों विमान का रास्ते में कोई ठहराव नहीं होगा। यात्रा के दौरान उन्हें फ्रांसीसी और भारतीय टैंकरों द्वारा ईंधन दिया जाएगा।” अधिकारियों ने कहा कि तीनों के जामनगर में एक दिन के ब्रेक के बाद अंबाला पहुंचने की उम्मीद है।
फ्रांस में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू पायलट प्रशिक्षण के लिए पहले से ही सात राफेल लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल कर रहे हैं। एक दो-स्टार अधिकारी के नेतृत्व में एक भारतीय वायु सेना की टीम पिछले महीने फ्रांस में थी, जो कि लड़ाकू विमानों के दूसरे बैच के आगमन से पहले राफेल परियोजना की प्रगति की समीक्षा करने के लिए थी। भारतीय वायुसेना को हर दो महीने में तीन से चार राफेल जेट दिए जाने की उम्मीद है।
राफेल लड़ाकू विमान जून 1997 में रूसी सुखोई-30 के बाद 23 साल में भारतीय वायुसेना में शामिल होने वाला पहला लड़ाकू विमान है। इसने वायुसेना की आक्रामक क्षमताओं को काफी बढ़ाया है।