रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 26 नवंबर राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से अहम है क्योंकि 12 साल पहले मुंबई में ऐसा हमला हुआ था, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर नीति को बदलना पड़ा। 26/11 की घटना को भुलाया नहीं जा सकता क्योंकि राष्ट्रीय संप्रभुता को चुनौती दी गई थी। 166 जिंदगियां जो भारत ने खोई थी उसकी याद केवल उन परिवारों के मन में नहीं, राष्ट्र के मन में है।
हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट 2020 में राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को करार जवाब दिया। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा को लेकर कई बदलाव किए गए हैं। उससे हम देशवासियों को विश्वास दिलाते हैं कि भारत ने आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को इतना मजबूत कर लिया है कि एक और 26/11 भारत में होना नामुमकिन हो गया है। अभी आपने देखा होगा कि चार आतंकवादियों को उसी तरह के हमले के लिए भेजा गया था, लेकिन उन्हें मार गिराकर पाकिस्तान की नापाक साजिश को नाकाम कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने आतंकवाद के खिलाफ ऐसी कठोर कार्रवाई की है, जो भारत के इतिहास में नहीं मिलता। पाकिस्तान को आतंकवाद के खात्मे को लेकर खिसियाहट है कि लगातार सीजफायर उल्लंघन किया जा रहा है। इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। समुद्र और आसमान में भी हमारी तैयारी पहले से पुख्ता है। 26/11 हमले के आतंकी समुद्र के रास्ते से आए थे, इसके बाद कोस्ट गार्ड में व्यापक बदलाव किया गया। त्रिस्तरीय सुरक्षा तैयार की गई है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत अब सॉफ्ट टारगेट नहीं रहा, आतंकवाद फैलाने वाले पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। आतंकी ढांचे को नष्ट किया जा रहा है। फाइनेंशल नेटवर्क को तोड़ा जा रहा है। भारत ने दुनिया में कूटनीतिक दबाव बनाया है। पाकिस्तान एक्सपोज हो चुका है। आए दिन पाकिस्तान पर एफएटीएफ की तलवार लटकती नजर आती है।
उन्होंने कहा कि भारत-चीन के बीच सीमा को लेकर मतभेद है। इसके बावजूद कुछ ऐसे समझौते हुए हैं जिसका पालन करते हुए दोनों देशों की सेनाएं एलएसी पर पट्रोलिंग करती हैं। हम किसी को एकतरफा बदलाव की आजादी नहीं दे सकते हैं। सेना को पूरी छूट है कि किसी भी बदलाव का पूरी ताकत से विरोध करें। गलवान में उन्होंने यही किया और पीएलए सैनिकों को पीछे जाने पर मजबूर कर दिया। भारत और चीन के बीच बातचीत से सीमा विवाद का हल हो।